राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मोहन सरकार मध्य प्रदेश के उन स्थानों को रामतीर्थ के रूप में विकसित करेगी, जहां-जहां भगवान श्री राम के चरण पड़े थे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जबलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्री राम के वनवास का सबसे अधिक समय हमारे एमपी के चित्रकूट सतना व अन्य जगहों पर बीता है। जहां-जहां उनके चरण पड़े हैं, उन स्थानों को राज्य सरकार तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करेगी।
एक ओर अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर है, तो वहीं मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ निर्माण को लेकर तैयारी तेज हो गई है। एमपी सरकार राम वन पथ गमन के निर्माण का रास्ता साफ कर रही है। सीएम मोहन के निर्देश पर अफसर निर्माण के पहले चरण का खाका तैयार कर रहे है। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास होगा।
भगवान श्री राम मध्य प्रदेश के कई रास्तों से निकले हैं। ऐसे 23 स्थल चिन्हित किए गए हैं। जिनमें प्रमुख स्थल चित्रकूट, सतना, अमरकंटक, पन्ना, जबलपुर, विदिशा हैं। मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश में जहां जहां कृष्ण के पांव पड़े, वह तीर्थस्थल बनेंगे।
श्री कृष्ण ने उज्जैन में 64 कलाएं सीखीं थीं। लगभग 5266 साल पहले कृष्ण भाई बलराम के साथ उज्जैन आए थे, तब उज्जैन का नाम अवंतिका नगरी था। 64 दिन तक उन्होंने महर्षि सांदीपनि से 64 कलाएं सीखीं। 4 दिन में चार वेदाए, 16 दिन में 16 विधाएं सीखीं, 6 दिन में छह शास्त्रए, 18 दिन में 18 पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। कृष्ण ने बाण छोड़कर गोमती कुंड बनाया था। श्रीकृष्ण की चरण पादुका और चरणों के निशान कुंड में मौजूद हैं।
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