नई दिल्ली। आखिरकार मानव ने चांद पर खुदाई का निर्णय ले ही लिया है. इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ‘आर्तमिस’ (Artemis) अनुबंध भी तैयार कर लिया है, जिससे चांद पर खुदाई के दौरान विभिन्न देशों के बीच कोई विवाद न हो.

नासा की ओर से जारी ‘आर्तमिस’ अनुबंध एक ऐसा खाका है, जिसमें चांद की खुदाई के स्थलों को चिन्हित करने के साथ उसके इर्द-गिर्द सुरक्षा जोन बनाया जाएगा. इससे चांद पर पहुंचने वाले अलग-अलग देशों को कार्य करने के साथ संसाधनों का इस्तेमाल करने में छूट मिलेगी.

नासा इस अनुबंध को सहयोगी देशों के लिए चांद पर खुदाई के लिए अनिवार्य करने जा रही है. नासा के प्रबंधक जिम ब्रेडेनस्टिन ने कहा कि प्रस्तावित अनुबंध 1967 में बनाए गए आउटर स्पेस ट्रीटी की तरह है, जिसमें देशों को चांद या अन्य बाहरी दुनिया पर अपना हक जताने से प्रतिबंधित किया गया है.

बता दें कि चंद्रमा पर सबसे सुरक्षित आणविक ऊर्जा के तौर पर माना जाने वाला हिलीयम -3 बहुतायत से पाया जाता है. इसके उत्खनन की बात भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारतरत्न डॉ एपीके अब्दुल कलाम ने भी कही थी, और चंद्रयान मिशन को इससे जोड़कर भी देखा जाता है.