Lalluram Desk. गंगा दशहरा 5 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून की रात 11:54 बजे शुरू होगी और 6 जून की रात 2:15 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, पर्व 5 जून को मनाया.
गंगा दशहरा के दौरान गंगा स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा पर मां गंगा के अवतरण की स्मृति में श्रद्धालु गंगा नदी या किसी अन्य पवित्र जल में स्नान करते हैं. इस वर्ष गंगा दशहरा के मुख्य दिन 5 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग, हस्त नक्षत्र और सिद्ध योग का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे पर्व का महत्व और बढ़ गया है.
बन रहा शुभ संयोग
इस पर्व के दौरान हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज जैसे गंगा तटीय शहरों में विशेष आयोजन किए जाएंगे. प्रतिदिन गंगा आरती का भव्य आयोजन होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे. मुख्य दिवस 5 जून को विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी, क्योंकि इस दिन सिद्धि योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है.
क्या करना चाहिए इस अवसर पर
इस पर्व में पितरों के नाम पर दान, जल से संबंधित वस्तुओं (जैसे घड़ा, लोटा), छाता, वस्त्र, जूते-चप्पल, मौसमी फल, सत्तू आदि का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. गंगा स्नान और दान से पापों से मुक्ति, रोग-शोक से राहत और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास है. जिन श्रद्धालुओं के लिए गंगा स्नान संभव नहीं, वे घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
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