नई दिल्ली . प्रदूषण से राहत के लिए दिल्ली में जल्द कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी है. इसके लिए से दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों से संपर्क किया है. जल्द एमओयू होने की संभावना है. इसके बाद वैज्ञानिकों की टीम कृत्रिम बारिश से दिल्ली को जानलेवा प्रदूषित हवा से मुक्ति दिलाएगी.
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल की टीम ने क्लाउड सीडिंग तकनीक से कृत्रिम बारिश कराने में सफलता हासिल की है. टीम की इस सफलता के बाद केंद्र सरकार ने आईआईटी कानपुर को पूरे देश में कृत्रिम बारिश कराने की अनुमति दी है. पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने हरियाणा और उप्र सरकार से प्रदूषण कम करने की अपील करने के साथ आईआईटी कानपुर से मदद मांगी है. प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से संपर्क किया गया है. जल्द लिखित समझौता होने के बाद आवश्यक अनुमति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके बाद वैज्ञानिकों की टीम उपकरणों के साथ दिल्ली जाएगी और कृत्रिम बारिश कराएगी.
हालांकि, कृत्रिम बारिश के लिए बादलों का होना जरूरी है. बारिश के बाद प्रदूषण का स्तर तेजी से गिरेगा और दिल्लीवासियों को राहत मिलेगी.
2017 में शुरू हुआ था शोध आईआईटी कानपुर ने प्रदूषण व सूखे से निपटने के लिए 2017 में शोध शुरू किया था. इससे लोगों को प्रदूषित हवा और किसानों को सूखा से राहत मिल सकती है. जून, 2023 में इसका सफल परीक्षण किया गया था.
ऐसे होगी बरसात
प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि सिल्वर आयोडाइड, नमक जैसे कई केमिकल मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया गया है. विमान की विंग में एक उपकरण लगाया गया है. विमान बादलों के बीच जाकर केमिकल का छिड़काव करेगा, जिसकी मदद से बारिश होगी.