पिछले कुछ हफ्तों में Microsoft, Meta (Facebook की मातृकंपनी), Amazon और Alphabet (Google की मातृकंपनी) की तिमाही रिपोर्टों से स्पष्ट हो गया है कि वैश्विक तकनीकी दिग्गज AI अवसंरचना पर भारी पूंजी निवेश कर रहे हैं. 2024 में इन कंपनियों का संयुक्त कैपेक्स खर्च $246 अरब रहा, जो 2023 के $151 अरब से काफी अधिक है. आने वाले समय में डेटा सेंटर्स और उन्नत GPU क्लस्टर पर कुल $320 अरब के निवेश की योजना सामने आई है.

प्रमुख कंपनियों के निवेश की झलक:

Microsoft:

2025 के वित्तीय वर्ष में $80 अरब का निवेश करने का संकल्प लिया है, जिससे AI वर्कलोड्स संभालने वाले डेटा सेंटर्स का निर्माण हो सके.

कंपनी ने आगामी दो वर्षों में भारत में AI और क्लाउड क्षमताओं को बढ़ाने के लिए $3 अरब की प्रतिबद्धता भी जाहिर की है.

CEO Satya Nadella ने बताया कि क्लाउड कंप्यूटिंग की लागत में गिरावट से AI सेवाओं का दायरा और अधिक बढ़ेगा.

Alphabet:

Google की मातृकंपनी ने 2025 के लिए $75 अरब तक के निवेश की घोषणा की है, जिसमें पहले तिमाही में $16-$18 अरब निवेश किया जाएगा.

कंपनी ने Q4 में अपने नेट इनकम में 28% की वृद्धि और क्लाउड राजस्व में 30% का उछाल दर्ज किया है, जिससे AI इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश की आवश्यकता स्पष्ट होती है.

Amazon:

Q4 2024 की रिपोर्ट में कंपनी ने अपने वार्षिक कैपेक्स को $83 अरब से बढ़ाकर 2025 में $100 अरब करने की योजना जताई.

अधिकांश निवेश AWS पर AI वर्कलोड्स को सपोर्ट करने हेतु किया जाएगा, जिससे Amazon ने डेटा सेंटर, नेटवर्किंग उपकरण और AI उपकरणों (जैसे कि Nova, Rufus, Bedrock) में भारी पूंजी लगा दी है.

Meta:

Meta ने 2025 में $60-$65 अरब के कैपेक्स निवेश का लक्ष्य रखा है, जबकि 2024 में इसका खर्च $38.4 अरब रहा.

कंपनी ने AI इन्फ्रास्ट्रक्चर, कर्मचारियों की भर्ती और नियामकीय अनुपालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने AI प्रयासों को तेज करने की योजना बनाई है.

Meta के AI चैटबोट के मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में भी वृद्धि हुई है, जिसका लक्ष्य 2025 में एक अरब उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने का है.

Apple:

Apple ने हाल ही में Q1 2025 में $2.94 अरब का कैपेक्स खर्च दर्ज किया, जबकि कंपनी AI इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश से बचते हुए तकनीकी साझेदारों के साथ सहयोग को प्राथमिकता दे रही है.

इसका दृष्टिकोण अधिक सतर्क और उपभोक्ता-केंद्रित रहा है, जिससे iPhone, iPad और Mac में AI फीचर्स के समावेश पर जोर दिया जा रहा है.

DeepSeek की किफायती सफलता का प्रभाव:

इन बड़ी पूंजीगत निवेश योजनाओं के बीच, एक चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने कम संसाधनों में AI मॉडल विकसित करने का दावा किया है. इसकी किफायती तकनीक ने वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा के माहौल में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या बड़ी कंपनियों के भारी निवेश के बावजूद भी AI लागत में गिरावट और अधिक कुशलता से हासिल की जा सकती है. हालांकि, Mark Zuckerberg समेत कई विशेषज्ञ इसे अभी प्रारंभिक चरण मानते हैं और मानते हैं कि मजबूत और विशाल AI इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण लंबी अवधि में कंपनियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा.

वहीं, वैश्विक तकनीकी दिग्गज AI क्षेत्र में निरंतर निवेश कर रहे हैं ताकि लागत में गिरावट, उच्च प्रदर्शन और अधिक नवाचार के जरिए AI आधारित सेवाओं का दायरा बढ़ाया जा सके. DeepSeek की किफायती तकनीक पर सवाल उठने के बावजूद, बड़े पैमाने पर AI अवसंरचना में निवेश करने से ही कंपनियां भविष्य में प्रतिस्पर्धी बने रह सकेंगी.