गयाजी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को बिहार दौरे पर हैं। सुबह करीब 8:30 बजे वह दिल्ली से सीधे गया एयरपोर्ट पहुंचेंगी। वहां से सड़क मार्ग होते हुए वह विश्वप्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर पहुंचेंगी, जहां वे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करेंगी।
विष्णुपद मंदिर में विशेष इंतजाम
मंदिर परिसर में राष्ट्रपति के लिए सुरक्षा और धार्मिक अनुष्ठान की विशेष व्यवस्था की गई है। एक एल्युमिनियम फैब्रिकेटेड हॉल में तीन अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं। एक कक्ष में राष्ट्रपति अपने परिजनों के साथ पिंडदान करेंगी, जबकि बाकी दो कक्षों में राष्ट्रपति भवन के अधिकारी रहेंगे। पूरे मंदिर और आसपास के क्षेत्र को कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया है। राष्ट्रपति के आगमन से पहले सात घंटे की सघन जांच की गई।
तय रूट और ट्रैफिक डायवर्जन
गया जिला प्रशासन ने रूट लाइनिंग और ट्रैफिक प्लान पहले ही तैयार कर लिया है। राष्ट्रपति गया एयरपोर्ट के गेट नंबर-5 से घुघरीटांड़ बाइपास, नारायणी पुल और बंगाली आश्रम होते हुए विष्णुपद मंदिर पहुंचेंगी। इसी मार्ग से वह वापस एयरपोर्ट लौटेंगी। उनके काफिले के दौरान दोमुहान से सिकड़िया मोड़ तक सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद रहेगा।
फल्गु नदी में करेंगी तर्पण
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति देवघाट जाएंगी और वहां फल्गु नदी में स्वयं पिंड प्रवाहित कर तर्पण करेंगी। इसके बाद मंदिर कार्यालय में मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उनका औपचारिक सम्मान समारोह होगा। धार्मिक अनुष्ठान की वैदिक क्रिया गया के विख्यात तीर्थ पुरोहित पंडा राजेश लाल कटरियार कराएंगे।
परिवार का गया से पुराना नाता
राष्ट्रपति का पैतृक घर उड़ीसा के मयूरभंज जिले में है। हाल ही में उनके परिजन पिंडदान कर लौटे थे। पंडा राजेश लाल कटरियार के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू के परिवार का गया से गहरा नाता रहा है। उनके परिवार के सदस्य पहले भी यहां पिंडदान कर चुके हैं। हालांकि यह पहला मौका होगा जब खुद राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू पिंडदान के लिए गयाजी आई हैं।
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