लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी सैलरी को लेकर एक बयान दिया है, जो सुर्खियों में है. महामहिम बोले कि मुझे 5 लाख रुपए प्रति माह सैलरी मिलती है, जिसमें से पौने 3 लाख टैक्स में चला जाता है, हमसे ज्यादा तो बचत एक टीचर की होती है. राष्ट्रपति ने बाद में कहा कि इस बयान का अर्थ यह है कि जो हम टैक्स देते हैं, उससे ही विकास कार्य होता है.

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को कानपुर पहुंचे थे. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार वो अपने पैतृक गांव परौंख के लिए ट्रेन से आए हैं. कानपुर में झीझक रूरा रेलवे स्टेशन पर वो रुके और लोगों से बातचीत भी की. दोनों ही स्टेशनों पर उन्होंने पुरानी यादों को साझा किया.

झीझक में अपने सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि झीझक का स्टेशन मुझे खूब याद है. यहां तो खूब ट्रेन का इंतजार करता था, मुझे आज भी याद है. आज मैं यहां आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं. उन्होंने कहा कि आप लोगों से मेरी कोई दूरी नहीं है. प्रोटोकॉल के तहत कुछ बातें होती हैं लेकिन आप अपनी बात शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं.

राष्ट्रपति कोविंद ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि सबसे ज्यादा सैलरी देश के राष्ट्रपति को मिलता है. हमें भी 5 लाख मिलता है, जिसमें पौने 3 लाख टैक्स में चला जाता है. हमारे पास बचता ही क्या है. मुझे लगता है कि यहां जो टीचर्स बैठे हुए हैं, वेतन से सबसे ज्यादा वही बचा पाते हैं.

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