नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश की संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है, चाहे हम किसी समूह के हों, किसी भी समुदाय के हों या किसी भी क्षेत्र के हों. हम सबको यह सदैव ध्यान रखना चाहिए कि अपने संविधान के माध्यम से हम भारत के लोगों ने यह सामूहिक संकल्प लिया है कि सभी देशवासियों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय दिलाएंगे. सभी भारतवासियों को प्रतिष्ठा और अवसर की समानता उपलब्ध कराएंगे. हर व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करेंगे और भाईचारे की भावना को मजबूत बनाएंगे.
इसी माह संविधान संशोधन के द्वारा गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार के विशेष अवसर उपलब्ध कराए गए हैं. सामाजिक न्याय और आर्थिक नैतिकता के मानदंडों पर ज़ोर देकर समावेशी विकास के कार्य को और भी व्यापक आधार दिया गया है.
देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है, चाहे हम किसी भी समूह के हों, किसी भी समुदाय के हों, या किसी भी क्षेत्र के हों — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2019
अपने इस संकल्प के साथ, हम सब अपने गणतन्त्र की यात्रा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. मुझे विश्वास है कि संवैधानिक आदर्शों के वाहक के रूप में आगे बढ़ते हुए, हम भारत के लोग,अपने गणतन्त्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने में निश्चित रूप से सफल होंगे. भारत की बहुलता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हमारी डाइवर्सिटी, डेमोक्रेसी और डिवेलपमेंट पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है.
हम सब अपने गणतन्त्र की यात्रा में, तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि संवैधानिक आदर्शों के वाहक के रूप में आगे बढ़ते हुए, हम भारत के लोग, अपने गणतन्त्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने में निश्चित रूप से सफल होंगे — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2019
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे महान गणतंत्र ने एक लंबी यात्रा तय की है. लेकिन अभी हमें बहुत आगे जाना है. खासकर, हमारे जो भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन सबको साथ लेकर, हमें आगे बढ़ना है. 21वीं सदी के लिए, हमें अपने लक्ष्यों और उपलब्धियों के नए मानदंड निर्धारित करने हैं. अब हमें क्वालिटी यानि गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान देना होगा. सभी वर्गों और सभी समुदायों को समुचित स्थान देने वाले राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए, हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें हर बेटी-बेटे की विशेषता, क्षमता और प्रतिभा की पहचान हो, और उसके विकास के लिए हर तरह की सुविधाएं और प्रोत्साहन उपलब्ध हों.
आज यह देखकर प्रसन्नता होती है कि नवीनतम टेक्नॉलॉजी को तेजी से अपनाते हुए हमारे किसान अधिक समर्थ और हमारे जवान अधिक सशक्त हो रहे हैं. टेक्नॉलॉजी और नई सोच के बल पर हमारे उद्यमी, विकास की नई इबारत लिख रहे हैं. आज दुनिया की निगाहें, हमारे युवा उद्यमियों और हमारी अर्थ-व्यवस्था पर टिकी हुई हैं.
देश हो या विदेश, हर जगह, जीवन के यही आदर्श हमारा मार्ग-दर्शन करते हैं. हमारी यही सोच, संयुक्त राष्ट्र के शांति-मिशनों में, जलवायु परिवर्तन के मामले में, मानवीय सहयोग प्रदान करने में,या फिर प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत पहुंचाने में भी दिखाई देती है. परिणाम-स्वरूप, आज विश्व-पटल पर भारत के योगदान की सराहना होती है और पूरे विश्व में, हमारे देश को विशेष सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है.