जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है. जिससे केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सामने सरकार गठन का दावा पेश किया है.
ये चुनाव 2014 के बाद पहली बार आयोजित किया गया. धारा 370 हटने और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव था. वहीं राष्ट्रपति शासन 19 जून, 2018 को पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के टूटने के बाद लागू किया गया था.
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया था. अब यहां पर फिर से सरकार का गठन होगा. जानकारी के मुताबिक 16 अक्टूबर को संभवत: शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है.
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