दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब अपने शहर आए तो छात्र जीवन की यादों में खो गए। इस दौरान उन्होंने अपने गुरु के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
अपने शिष्य के हाथों सम्मान पाकर किदवई नगर में रहने वाले 85 वर्षीय त्रिलोकी नाथ टंडन बेहद गर्व महसूस कर रहे थे। सम्मानित होने के बाद उन्होंने मीडिया से बताया कि कोविंद ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया और मुझसे बोले कि आप सौ साल जिएं… मैंने भी कोविंद को बोला कि सौ साल के लिए तो मैं पहले से ही तैयार हूं। टंडन ने राष्ट्रपति से देश को बेहतर दिशा में आगे ले जाने को कहा।
100 वर्ष पूरे कर चुके अंग्रेजी के शिक्षक प्यारेलाल को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति मंच से नीचे उतरकर पहुंचे। प्यारेलाल के साथ उनकी बहू भी थीं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने आते ही प्यारेलाल के पैर छुए और पूछा कि गुरु जी… आप मुझे भूले तो नहीं हैं।
इस पर प्यारेलाल ने कोविंद की पीठ पर हाथ रखा और आशीर्वाद दिया। प्यारेलाल ने बेहद धीमी आवाज में कहा कि आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वो (राष्ट्रपति) बच्चा था। इसके आगे वह बोल नहीं पा रहे थे। राष्ट्रपति ने प्यारेलाल की बहू से उनका ख्याल रखने को कहा। कहा किसी तरह की परेशानी हो तो मुझे बताइएगा।