प्रतीक चौहान. रायपुर.  देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है.  भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू हैं. वे आज रायपुर एयरपोर्ट पहुंची. एयरपोर्ट से बाहर जब वे निकली तो उनके गले में ‘भगवा गमछा’ था.

 अगर भाजपा की महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीत जाती हैं तो वह भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी. बता दें कि इसके पहले प्रतिभा पाटिल को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त हुआ था.

जाने द्रौपदी मुर्मू के जीवन और राजनीतिक करियर के बारे में

राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू का नाम दिया गया है. द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता हैं और झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं.

द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे.

द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा

द्रौपदी ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया.

द्रौपदी मुर्मू का जीवन संघर्ष

द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई. बाद में उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और पति भी छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए. बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा.

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर

उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशी से भाजपा के साथ ही की. भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज कराई. भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया. इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं. साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया. उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता. बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं. वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं.