रायपुर. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा रायपुर पहुंचे हैं. उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि मैं यहां समर्थन जुटाने आया हूं. मैंने अभियान की शुरुआत केरल से की है. केरल में सभी का समर्थन मिला है. चेन्नई में भी गया, वहां से पूर्ण समर्थन है. आज मैं छत्तीसगढ़ में हूं. छत्तीसगढ़ से मेरा बहुत गहरा नाता रहा है. छत्तीसगढ़ में 60 साल पहले मैं बारात लेकर आया था. भिलाई में मेरी शादी हुई थी.

प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम भी मौजूद रहे. प्रेसवार्ता में यशवंत सिन्हा ने कहा कि मुझे यह याद नहीं आता कि कभी ये ख्याल भी आया कि राजनीतिक प्रतिद्वन्दी के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल किया जाए. ये मेरी समझ के परे बात है कि कोई व्यक्ति इतना नीचे गिरेगा. सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का नंगा नाच किया जा रहा है.

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति का पद बहुत गरिमा का होता है. अच्छा होता कि सब एक राय होकर किसी को एक चुन लिए होते. यह जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से पहल नहीं की गई. विपक्ष की ओर से मुझसे पूछा गया कि क्या आप राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे. मैंने हां कह दी. इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से भी उम्मदीवार का ऐलान कर दिया गया और इस तरह चुनावी बिसात बिछ गई.


छग से मेरी उम्मीद होगी पूरी
उन्होंने कहा देश में जो वातावरण है वह अच्छा नहीं है. साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति बना दी गई है. आज हमें खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए. वहां पर एक ऐसा राष्ट्रपति जाए, जो अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करेगा. इस चुनाव में मैं इसलिए खड़ा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं इस दायित्वों का निर्वहन कर सकता हूं. छत्तीसगढ़ से मैं बहुत उम्मीदें लेकर आया हूं, मुझे विश्वास है कि मेरी उम्मीद पूरी होगी.


अपने विवेक का इस्तेमाल करें बीजेपी के साथी
सिन्हा ने कहा कि बीजेपी के पुराने साथियों से भी मैं कहना चाहता हूं कि वो भी अपने विवेक का इस्तेमाल करें और लकीर के फकीर ना बने. मैं आश्वस्त करता हूं कि कोशिश में कोई कमी नहीं आएगी. जो दल विपक्षी दलों की बैठक में थे और सर्व सम्मति से नाम तय किया उन दलों को इधर से उधर नहीं होना चाहिए. तीन दल यदि समर्थन देकर लौट गए तो सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए.

दूसरे की थाली छिनना उचित नहीं
सिन्हा ने कहा जुएं के खेल में आदमी अपना पत्ता देख रहा होता है और दूसरे दांव लगाता है. ये सिर्फ संख्या बल की लड़ाई नहीं है. ये लड़ाई विचार धारा की है. केंद्र में बैठी सरकार हर जगह टकराव की राजनीति कर रही है. सत्ता की भूख बहुत घातक है. महाराष्ट्र का उदाहरण सामने है. अपनी थाली भरी हुई है, लेकिन दूसरे की थाली भी छीन ली जाए, ये उचित नहीं है.


अग्निपथ पर पुनः विचार करे सरकार
उन्होंने कहा कि धारा 124 को खत्म करना चाहिए. अंग्रेजों के जमाने का यह कानून है. मेरी प्राथमिकता संविधान का पालन रहेगी. अग्निपथ योजना उचित नहीं है. अग्निपथ नेशनल सिक्युरिटी नहीं है. ये सेना भी नहीं है. पार्लियामेंट की समिति है. ये प्रस्ताव भेजा जा सकता था. अग्निपथ को लेकर युवा पीढ़ी सड़कों पर उतरी. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस पर पुनः विचार किया जाए.


बीजेपी अब वह पार्टी नहीं रही, जिसका मैं सदस्य था
यशवंत सिन्हा ने कहा कि बीजेपी वह पार्टी नहीं रही, जिसका मैं सदस्य था. बाजपेयी और आडवाणी की बीजेपी नहीं है. बीजेपी में दल के भीतर सहमति बनाई जाती थी और बाद में दल के बाहर सहमति बनाई जाती थी. विपक्षी दलों से राय से राय शुमारी होती थी. आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के समर्थन पर उन्होंने कहा कि आडवाणी को मैंने फोन किया था. उनकी बेटी ने बताया कि बीमारी की डर की वजह से किसी से नहीं मिल रहे. मुरली मनोहर जोशी से मेरी बात नहीं हुई, लेकिन करुंगा.