शिवम मिश्रा,रायपुर। अपनी सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिये रमन सिंह इतना आतुर है, तो सबसे पहले निशक्तजन घोटाले में अपनी संलिप्तता के लिये छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे. अफरा तफरी किये गये राशि को जनता के खजाने में जमा करायें और फिर बयानबाजी करें. रमन सिंह को निशक्तजन घोटाले के विषय में अपनी भूमिका को लेकर जवाब दें. राज्य श्रोत (निशक्तजन) केन्द्र की स्थापना में मुख्यमंत्री के रूप में रमन सिंह ने ही डॉ. सच्चिदानंद जोशी, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, सुधीर जैन और दामोदर गणेश वापट का मनोनयन किया था. अब जब दस्तावेज सार्वजनिक हो चुके हैं तो अपनी भूमिका को छिपाने के लिये रमन सिंह बयानबाजी का सहारा ले रहे है. सीबीआई से रमन सिंह में जागे नए अनुराग का रहस्य और अपने ही किये भ्रष्टाचार की जांच को लेकर इतनी आतुरता का कारण सबको पता है. यह बातें प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कही है.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि सत्ता से हटने के बाद रमन सिंह सीबीआई में अचानक जागे अपने विश्वास का कारण तो बतायें ? 2012 में रमन सिंह की ही सरकार ने राज्य में सीबीआई को जांच से रोकने का आदेश निकाला था. रमन सिंह सरकार ने यह आदेश से निकाला था लेकिन भूपेश बघेल की सरकार राज्य के कानून का सम्मान करने के लिए अगर अदालत में रिव्यू पीटिशन लगाती है तो इस पर टीका टिप्पणी करते है. रमन सिंह बेनकाब हो चुके है. क्योंकि 2012 में एक कानून बनाया गया इसलिए उस कानून का पालन करते हुए रिव्यू पीटिशन लगाई गई तो इसे लेकर रमन सिंह की टीका टिप्पणी से उनका दोहरा चरित्र उजागर हो गया है.

जब भूपेश बघेल विपक्ष में थे तो उन्होंने नान घोटाले के मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई थी. न्यायालय में भी कुछ लोगों ने नान घोटाले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए मामले लगाए थे. तब रमन सिंह सरकार ने कोर्ट में नान मामले की सीबीआई जांच का विरोध किया था. 25 मई 2013 को जीरम में कांग्रेस नेताओं की पूरी पीढ़ी की शहादत हुए. शहीद परिवारों ने लगातार सीबीआई जांच की मांग की. स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 को धमतरी की सभा में सत्ता में आने पर जांच की बात कही थी. विधानसभा में सीबीआई जांच की घोषणा करने के बाद भी रमन सिंह सरकार ने सीबीआई जांच नहीं कराई.

जीरम मामले में, नान घोटाले में लगातार कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की लेकिन रमन सिंह केंद्र में भाजपा सरकार होते हुए भी राज्य से जुड़े इन गंभीर विषयों में सीबीआई जांच से बचते रहे. रमन सिंह सरकार ने जांच को घोटाले की जांच को रोका रखा और कांग्रेस की सरकार घोटाले की जांच करना चाहने वाली सरकार पर रमन सिंह टीका टिप्पणी कर रहे हैं वे पहले अपने गिरेबान में झांक कर तो देख ले.

रमन सिंह सरकार ने इस घोटाले की जांच को रोके रखा और घोटाले की जांच कराना चाहने वाली कांग्रेस की सरकार पर रमन सिंह  टीका टिप्पणी कर रहे हैं. रमन सिंह पहले अपने गिरेबान में झांक कर तो देखें. केंद्र की भाजपा सरकार सीबीआई, ईडी से लेकर तमाम केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक बदला भुनाने के लिए कैसा दुरुपयोग कर रही है यह किसी से छिपा नहीं है. निशक्त जन घोटाला मामले में राज्य के महाधिवक्ता ने तो अदालत में बहुत स्पष्ट कहा कि ‘‘हमें जांच से कोई परहेज नहीं है. हम जांच करना चाहते हैं और माननीय न्यायालय की निगरानी में जांच करना चाहते हैं.’’

राज्य की कांग्रेस सरकार निशक्तजन घोटाले की अदालत की देखरेख में जांच प्रस्तावित कर रही है तो रमन सिंह जी को बड़ी तकलीफ हो रही है. सबसे पहले अपने किए भ्रष्टाचार के लिए जनता से माफ़ी माँगें रमन सिंह फिर बयानबाज़ी करें. रमन सिंह सरकार ने जांच को घोटाले की जांच को रोका रखा और घोटाले की जांच करना चाहने वाली कांग्रेस की सरकार पर रमन सिंह और उनके समर्थक दोनों भाजपा नेता जो टीका टिप्पणी कर रहे हैं. वे सबसे पहले अपने गिरेबान में झांक कर तो देख ले. पिछली सरकार ने जांच करने की बात कही और जांच नहीं की। यह बात न्यायालय के आदेश पर लिखी हुई है। शिकायतकतोॆ ने कभी वर्तमान सरकार को ना एप्रोच किया ना पुलिस में कोई शिकायत की.

नई सरकार के पास इस मामले में कार्यवाही करने का कोई अवसर इसलिए नहीं था, क्योंकि मामला न्यायालय में चला गया था।
क्योंकि राज्य सरकार की यह नीति है कि सीबीआई जांच नहीं करेगी इसलिए सीबीआई जांच के मामले में रिव्यू डाला गया था।
सैद्धांतिक पोजीशन है कि सीबीआई को राज्य में जांच नहीं करना। इसलिए रिव्यू पिटिशन डाली है। घोटाला रमन सिंह जी की सरकार का ह। रमन सिंह जी की ही सरकार ने अदालत में कहा था जांच करायेंगे और जो कहा उसे नहीं किया। रमन सिंह सरकार के आवेदन को अदालत ने अस्वीकार किया है। 2017 और दो हजार अट्ठारह दो बार यह आवेदन दिया। इसी मामले में पुरानी सरकार को कहा गया था कि घोटाले की जांच करने के लिए और पुरानी सरकार ने अदालत में स्वीकार किया था कि घोटाला हुआ है। उसके बावजूद उनके पास जांच का हरसंभव मौका उपलब्ध था लेकिन उन्होंने ना जांच की, ना दोषियों पर घोटाले के गुनाहगारों पर कार्यवाही की।
पुरानी सरकार द्वारा कार्यवाही न करने पर आवेदकों ने मामला अदालत में लगाया और क्योंकि मामला अदालत में था इसलिए नई सरकार के पास इस मामले में कार्यवाही का कोई अवसर उपलब्ध नहीं था।

कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं तो इसमें रिव्यू पिटिशन लगाया गया है जो कि स्वाभाविक है और राज्य की स्थापित नीतियों के अनुरूप अदालत ने 2018 तक के समय की जांच की बात कही है और इसका वर्तमान मंत्री अनिला भेड़िया से कोई संबंध नहीं है। यह मामला भारतीय जनता पार्टी सरकार में मंत्री। रही रेणुका सिंह के कार्यकाल से संबंधित। रेणुका सिंह को इस मामले में पार्टी बनाया गया था। लेकिन रेणुका सिंह ने अदालत में ना अदालत से बाहर इस बारे में कुछ क्यों नहीं कहा है? नान घोटाले में सीबीआई जांच का विरोध करने वाली सरकार में मंत्री रहे धरमलाल कौशिक अब अब न्यायालय में आवेदन लगा रहे हैं कि इस मामले में सीबीआई की जांच की जाए। नान घोटाले की जांच को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने भी याचिका लगाई है कि इस मामले की जांच सीबीआई को दी जाए।