Bihar DGP Vinay Kumar: बिहार में इन दिनों आपराधिक घटनाएं अपने चरम पर है. आए दिन हो रही हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कार और साइबर अपराध जैसी घटनाओं से न केवल आम जनता के बीच असुरक्षा की भावना पैदा की है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर लगातार बिहार सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. इस बीच राज्य में घट रही घटनाओं पर डीजीपी विनय कुमार का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है.

‘2004 की तुलना में कम हुई हत्याएं’

दरअसल आज सोमवार (16 जून) को बिहार में क्राइम को लेकर डीजीपी विनय कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, एक भी हत्या साल में होगी तो सहने लायक नहीं है, सबको जीने का अधिकार है. 2004 के आस-पास 4000 हत्याएं हुईं. आज के डेट में 2400 हत्याएं हुई. हत्या को 2004 से 2024 से कंपेयर कीजिए तो वो कम है. संख्या के दृष्टिकोण से हत्याएं कम हुई हैं.

पीएम के दौरे पर कही ये बात

पीएम मोदी 20 जून को बिहार दौरे पर आने वाले हैं. प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर बिहार डीजीपी ने कहा कि, पीएम मोदी के आगमन को लेकर हमलोग साइट पर भ्रमण कर चुके हैं. मुख्य सचिव के स्तर से व्यापक समीक्षा हुई. पर्याप्त संख्या में बल उपलब्ध कराया गया है. गाड़ियों पर पॉलिटिकल झंडे लगाकर घूमने पर बिहार डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि VIP लाइट्स पूरी तरह बंद है. तरह-तरह के नाम प्लेट पर कैसें दर्ज हैं. ये बिल्कुल गलत है, आप है कुछ नहीं और प्लेट्स लगवा रहे हैं.

हिट एंड रन मामलों पर सख्ती

बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने हिट एंड रन मामलों पर सख्ती की बात कही. उन्होंने बताया कि, अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर दिखाना होगा. इसके लिए प्रत्येक जिले में सरकारी टेस्टिंग ट्रैक बनाए जा रहे हैं. नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, जिसमें परिवार वालों को भी बुलाया जा रहा है.

जांच अधिकारी को मिला अधिक अधिकार

डीजीपी ने बताया कि, बिहार पुलिस ने हाल ही में अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त करने की मुहिम शुरू की है. अब जांच अधिकारी (IO) को अधिक अधिकार दिए गए हैं. अगर IO को लगता है कि किसी अपराधी ने अपराध से संपत्ति अर्जित की है, तो वे सीधे न्यायालय में लिखित जानकारी दे सकते हैं. पहले यह प्रक्रिया जटिल थी, जिसमें IO को विभाग, मुख्यालय, EOU और CID के जरिए जाना पड़ता था. अब IO सीधे कोर्ट में आवेदन कर सकते हैं. कोर्ट आवेदन की जांच कर 14 दिन का समय देता है, जिसमें अपराधी को संपत्ति के स्रोत का जवाब देना होता है. जवाब न मिलने पर कोर्ट संपत्ति को सरकारी घोषित कर सकता है.

भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर शिकंजा

डीजीपी ने बताया कि, दिसंबर से यह अभियान चल रहा है और अब तक 1172 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें अपराधियों ने अपराध से संपत्ति बनाई. चार मामलों में कोर्ट ने सजा भी सुनाई है. इस कानून से अपराधियों का मनोबल टूटता है. अब तक बिहार में 1200 मामले दर्ज किए गए हैं. सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई हो रही है. भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर भी शिकंजा कसा गया है, जिसमें 60 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

विशेष ट्रायल के जरिए अपराधियों को सजा

डीजीपी ने बताया कि, वे स्वयं जनता दरबार लगाकर लोगों की शिकायतें सुनते हैं. बलात्कार जैसे मामलों में FIR दर्ज न करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. उनका लक्ष्य है कि विशेष ट्रायल के जरिए अपराधियों को सजा दिलाई जाए.

उन्होंने बगहा के एक हत्या के मामले का जिक्र किया, जहां थाना अध्यक्ष की गवाही न देने से सजा नहीं हो पाई थी. डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद गवाही दी गई और सजा हुई. गवाही न देने वाले पुलिसकर्मियों का वेतन रोक दिया जाता है और गवाही का प्रमाणपत्र मिलने पर ही वेतन दिया जाता है. डीजीपी ने बताया कि, फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) बनाए गए हैं, जिससे मामलों का निपटारा तेजी से हो रहा है. वे सरकार से और FTC कोर्ट बनाने की मांग करें.

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