रायपुर– औद्योगिक प्रयोजन के लिए अब भू-जल का उपयोग नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा पाया जाता है तो संबंधित संस्थान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह निर्देश मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने मंत्रालय में आयोजित राज्य जल संसाधन उपयोग समिति की बैठक में दी. उन्होंने अधिकारियों को कहा कि राज्य की नदियों से औद्योगिक प्रयोजन के लिए जल का आवंटन करने से पूर्व स्थल परीक्षण और भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए. नदियों से पेयजल, निस्तार, सिंचाई के लिए जल का आवंटन करने के बाद ही इसका उपयोग अन्य प्रयोजन के लिए किया जाए.
उन्होंने भू-जल स्त्रोतों के उपयोग के संबंध में स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए है. उन्होंने कहा कि राज्य की नदियों से जल का आवंटन औद्योगिक प्रयोजनों के लिए विभिन्न संस्थाओं को तभी किया जाए, जब संस्थानों द्वारा संबंधित क्षेत्र स्थान में प्लांट अथवा उद्योग कार्यशील किए जाए. संस्थानों द्वारा आवंटित निर्धारित संपूर्ण जल की मात्रा का उपयोग किया जाएगा और चिन्हित स्थल से ही जल का दोहन हो यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है.
आईआईटी निस्तार के लिए मिलेगा शिवनाथ का पानी
बैठक में दुर्ग जिले के भिलाई, कुटेलाभाटा स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी निस्तार के लिए शिवनाथ नदी के भटगांव एनीकट से जल प्रदाय की स्वीकृति दी गई. बैठक में प्रस्तुत छः अन्य प्रस्तावों का स्थल परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए गए है. रायगढ़ के बंजारीनाला, तराईमाल एनीकट से मेसर्स श्याम इस्पात इंडिया प्रा लि रायपुर सरोरा व्यपवर्तन जलाशय से मेसर्स हाईटेक पॉवर एण्ड स्टील लिए रायपुर केलो नदी से एनटीपीसी लिमिटेड के लारा ताप योजनाए कुरकेट नदी राबोबांध से मेसर्स जिंदल पॉवर लिमिटेड, महानदी से रायगढ़, तराईमाल के एनीकट नलवा स्टील एण्ड पॉवर लिमिटेड और महानदी से मेसर्स जिंदल स्टील एण्ड पॉवर लिमिटेड की प्रस्तावित स्टील प्लांट और पॉवर प्लांट को जल आवंटन और जल कर के निर्धारण के प्रस्ताव प्रस्तुत किये गए.
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि केडीपी राव, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी डीडी सिंह, सचिव जल संसाधन अविनाश चम्पावत, विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद, जल संसाधन विभाग के एके सोमावर व्हीके श्रीवास्तव, जयंत पवार, नगरीय प्रशासन के आर एक्का सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.