चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में ‘जानवरों के प्रति क्रूरता रोकथाम पंजाब संशोधन विधेयक 2025’ को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि यह बेजुबानों के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि बैलों की जोड़ी हमारे लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि गुरु साहिब ने करतारपुर साहिब में 16 साल तक बैलों के साथ खेती की थी।


मुख्यमंत्री मान ने बैल दौड़ को पंजाब की सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा बताते हुए तमिलनाडु की जल्लीकट्टू से इसकी तुलना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह जल्लीकट्टू को अनुमति दी गई, उसी तरह बैल दौड़ को भी बढ़ावा देना चाहिए। विधेयक में यह शर्त शामिल की गई है कि दौड़ के दौरान जानवरों पर डंडे या किसी अन्य वस्तु से प्रहार नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें केवल हाथों से नियंत्रित किया जाएगा।


सीएम मान ने कहा कि पंजाब में लोग तोते, कबूतर और कुत्ते जैसे पालतू जानवर पालते हैं, लेकिन बेजुबानों की आवाज उठाने वाला कोई नहीं होता। इस विधेयक के पारित होने से बैल दौड़ जैसे पारंपरिक खेलों का आयोजन आसान होगा, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन खेलों को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।


इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने आवारा कुत्तों के मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि जब ये कुत्ते बच्चों और बुजुर्गों को घेर लेते हैं, तो यह दुखद होता है। उन्होंने इस समस्या को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। कांग्रेस विधायक बिक्रम चौधरी ने भी आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीर बताते हुए इसके समाधान की मांग की।