त्योहारी सीजन में बढ़ती मांग के बीच ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने एक अक्तूबर से सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों और एसयूवी की कीमतों में बढ़ोतरी की है. इस वजह से अब नई कार खरीदने वाले उपभोक्ताओं को जेब कुछ ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी.

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने थार, स्कॉर्पियो, एक्सयूवी 300 और एक्सयूवी 700 मॉडल की कीमतें 81,000 रुपये तक बढ़ा दी हैं. जबकि दक्षिण कोरियाई ऑटो प्रमुख किआ ने अपनी लोकप्रिय SUV सेल्टोस और बहुउद्देशीय वाहन कैरेंस की कीमत 50 हजार रुपये बढ़ाई है. इसके अलावा हुंडई की वेन्यू और टक्सन की कीमत 48,000 रुपये तक बढ़ गयी है. अगर होंडा की बात करें तो, कंपनी ने अपनी पॉपुलर सेडान सिटी और अमेज सेडान की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है. जोकि 7,900 तक की है.

ये है कीमत बढ़ने की वजह

ऑटोमोबाइल कंपनियों की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक, पिछले साल हुई इनपुट लागत में बढ़ोतरी का बोझ पूरी तरह से ग्राहकों पर नहीं डाला गया था. इसलिए अभी ये बढ़ोतरी करना जरूरी था. इसके अलावा कारों में पेश की जा रही लेटेस्ट टेक्नोलॉजी जैसे एडीएएस आदि के चलते गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है.

किन पर होगा असर ?

जब भी कोई व्यक्ति किसी कंपनी की कार को खरीदने से पहले बुक करवाता है तो उस समय कार की कीमत के मुताबिक पेमेंट देनी होती है. लेकिन अगर किसी कार पर वेटिंग चल रही है और उस कार को दो से तीन महीने या जब भी डिलीवरी दी जाती है, तब की कीमत पर ही कार को दिया जाता है. ऐसे में अगर किसी कार को बुक करवाते समय उसकी कीमत 10 लाख रुपये है और डिलीवरी के समय तक उसकी कीमत में एक लाख रुपये तक की बढ़ोतरी हो जाती है तो ग्राहक को बढ़ी हुई कीमत पर ही कार को खरीदना पड़ता है.

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