मुंबई. बाजार में आटे के दाम आसमान छू रहे हैं. पिछले कुछ समय से आटे की कीमतों में 20-30 रुपये प्रति 10 किलो का उछाल आया है. आटे का दाम अभी और ऊपर जाने की संभावना है क्योंकि इस बार रबी फसलों की बोआई बीते साल के मुकाबले कम हुआ है. चालू रबी सीजन में बुआई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 4.90 फीसदी घट गया है.
रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं, चना, मसूर, मक्का, ज्वार, मूंगफली समेत अधिकांश फसलों की बुआई पिछले साल से कम हुई है, जबकि सरसों की खेती में किसानों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है. सरसों का रकबा पिछले साल के मुकाबले तीन फीसदी बढ़ा हुआ है.
केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की ओर से पिछले सप्ताह जारी देशभर के रबी फसलों की बुआई के आंकड़ों के अनुसार, सभी रबी फसलों का रकबा 591.64 लाख हेक्टेयर है, जोकि पिछले साल अब तक के रकबे 622.12 लाख हेक्टेयर से 4.90 फीसदी कम है.
गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले 2.53 फीसदी घटकर 296.37 लाख हेक्टेयर रह गया है. पिछले साल देशभर में अब तक गेहूं का रकबा 304.04 लाख हेक्टेयर हो गया था. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि गेहूं की बुआई सभी राज्यों में समाप्त हो चुकी है और अगले महीने कुछ राज्यों में नई फसल की कटाई भी शुरू हो जाएगी.
फसल वर्ष 20118-19 (जुलाई-जून) के रबी बुआई सीजन में दलहनों की बुआई 151.10 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के रकबे से 6.13 फीसदी कम है. पिछले साल अब तक 160.97 लाख हेक्टेयर में दलहनों की बुआई हो चुकी थी. प्रमुख रबी दलहन चना का रकबा 95.99 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के समान अवधि के रकबे 106.55 लाख हेक्टेयर से 9.91 फीसदी कम है.
कुछ जगहों पर चने की नई फसल मंडी में आ चुकी है. रबी सीजन की दूसरी प्रमुख दलहन फसल मसूर का रकबा 16.88 लाख हेक्टेयर है जोकि पिछले साल के 17.18 लाख हेक्टेयर से 1.75 फीसदी कम है.
मोटे अनाज का रकबा 47.02 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 18.93 फीसदी कम है. मोटे अनाज में ज्वार और मक्के का रकबा पिछले साल से क्रमश: 18.78 फीसदी और 9.85 फीसदी घटकर क्रमश: 47.02 लाख हेक्टेयर और 14.28 लाख हेक्टेयर रह गया है.
तिलहनों का रकबा 79.10 लाख हेक्टेयर हो चुका है जो पिछले साल के 79.79 लाख हेक्टेयर से 0.05 फीसदी कम है, लेकिन सरसों का रकबा पिछले साल तीन फीसदी बढ़कर 68.81 लाख हेक्टेयर में हो गया है. पिछले साल अब तक सरसों का रकबा 66.80 लाख हेक्टेयर था. मूंगफली का रकबा पिछले साल से 18.90 फीसदी घटकर 4.41 लाख हेक्टेयर रह गया है.