दिल्ली. पाकिस्तान में लोगों के ऊपर मिर्ची बम फूट पड़ा है। मिर्ची का दाम 400 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है। वहीं टमाटर के भाव भी आसमान को छू रहे हैं। वहीं सरकार भी व्यापारियों पर इन दो सब्जियों को नहीं बेचने के चलते जुर्माना लगा रही है।

14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत ने सभी तरह की सब्जियों का निर्यात करने पर 200 फीसदी ड्यूटी लगा दी है। ऐसे में पाकिस्तान के लोगों के लिए किचन का बजट बिगड़ गया है।

भारत द्वारा सब्जियों की आपूर्ति को बंद किए जाने के बाद से जहां पिछले साल 24 रुपये बिकने वाला टमाटर इस बार 200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। हालत यह है कि दुकानों से टमाटर धीरे-धीरे गायब हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके खरीदार काफी कम हो गए हैं।

टमाटर की तरह हरी मिर्च भी पाकिस्तानियों के लिए ज्यादा तीखी हो गई है। 2018 में मिर्च का दाम 100 रुपये से भी कम था, लेकिन एक महीने में मिर्च का दाम 400 रुपये प्रति किलो के पार चला गया है। सब्जी की दुकानों से मिर्च पूरी तरह से गायब हो गई है।

वहीं इमरान सरकार सब्जी बेचने वाले व्यापारियों पर इन दो सब्जियों को नहीं बेचने पर जुर्माना लगा रही है। लेकिन थोक मंडियों में मौजूद आढ़तियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार ने इन दोनों वस्तुओं के लिए एक दर तय कर दी है।

उससे ज्यादा कीमत पर फल-सब्जी बेचने पर जुर्माना लगता है। पाकिस्तान में टमाटर और हरी मिर्च की सप्लाई भारत के अलावा सिंध और बलूचिस्तान प्रांत से होती है। हालांकि इन दोनो प्रांतों में भी बारिश के चलते फसल चौपट हो गई है।