रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PMASBY) की शुरुआत की. 64 हजार करोड़ रुपये की योजना का मकसद देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है. इस योजना की घोषणा इस साल बजट में की गई थी.

64 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से शुरू की गई प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का मकसद शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में क्रिटिकल केयर सुविधाओं और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मौजूद कमियों को दूर करना है. इसके साथ ही इसमें इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फोर्मेशन पोर्टल से सभी राज्यों की सरकारी लैब को जोड़ा जाएगा.

पीएमओ के मुताबिक, PMASBY के तहत चिन्हित किए गए 10 सबसे प्रमुख राज्यों के 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की मदद की जाएगी. इसके साथ ही सभी राज्यों में 11,024 हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे. यही नहीं जिन जिलों में 5 लाख से ज्यादा आबादी है, वहां क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक के जरिए क्रिटिकल केयर सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जबकि बाकी जिलों को रेफरल सेवाओं के माध्यम से कवर किया जाएगा.

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इस योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ, 4 नए नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वायरोलॉजी, WHO साउथ ईस्ट एशिया रीजन के लिए एक रीजनल रिसर्च प्लेटफॉर्म, 9 बायोसेफ्टी लेवल-3 की लैब और 5 नए रीजनल नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करके एक आईटी इनेबल डिसीज सर्विलांस सिस्टम का निर्माण करना है.

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इस योजना का मकसद 17 नई पब्लिक हेल्थ यूनिट का संचालन करना और एंट्री पॉइंट्स पर 33 मौजूदा पब्लिक हेल्थ यूनिट्स को मजबूत करना है. इसके साथ ही देशभर में डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल की संख्या बढ़ाने, मेडिकल कॉलेजों के वितरण में सुधार करना और जिला अस्पतालों के ढांचे का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करना है. योजना के तीन चरणों के अंतर्गत, देश भर में 157 नए मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 63 मेडिकल कॉलेज पहले से ही चल रहे हैं.