स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से लेकर मिशन सुदर्शन चक्र तक तमाम मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने दुश्मन देश करारा जवाब दिया तो वहीं विकसित भारत का संकल्प दोहराया। इसके अलावा उन्होंने लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भी जिक्र किया और उसे 100 साल पूरे करने की बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज से 100 साल पहले एक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्म हुआ था। 100 साल की राष्ट्र सेवा का एक गौरवपूर्ण पृष्ठ है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर मां भारती के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।”
देश को संगठन पर गर्व है- मोदी
मोदी ने आगे कहा, “सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन, ये जिसकी पहचान रही है, ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक तरह से सबसे बड़ा NGO है। सौ साल का समर्थन का उसका एक इतिहास है। लाल किले की प्राचीर की 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले, मैं सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण करता हूं। देश संगठन की इस यात्रा पर गर्व करता है और यह हमें प्रेरणा देता रहेगा।”
प्रकृति हमारी परीक्षा ले रही है
लाल किले से पीएम मोदी आपदा पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं भी प्रकट कीं। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी का महापर्व संकल्प का महापर्व है। यह सामूहिक सिद्धियों का महापर्व है। देश एकता की भावना को मजबूती दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति हमारी परीक्षा ले रही है। प्राकृतिक आपदाएं हम झेल रहे हैं। पीड़ितों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। राज्य और केंद्र सरकार बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्ले आम किया। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमने सेना को खुली छूट दी। हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकता। आतंक और आतंकियों को पालने पोसने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानते। वे मानवता के समान दुश्मन हैं। अब भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु धमकियों को हम नहीं सहेंगे। परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं सहा जाएगा।
भारत कतई सिंधु समझौते को नहीं सहेगा
पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों को पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना एकतरफा है। भारत का पानी दुश्मनों की धरती को सींच रहा है। मेरे देश की धरती प्यासी है। पिछले कई दशक से इस समझौते ने देश के किसानों का नुकसान किया। हिंदुस्तान के हक का जो पानी है। उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है। हिंदुस्तान के किसानों का है। भारत कतई सिंधु समझौते को जिस स्वरूप में सहता रहा है, उसे नहीं सहेगा। किसान हित में और राष्ट्रहित में यह समझौता हमें मंजूर नहीं है।
शुरू होगा हाई पावर डेमोग्राफी मिशन
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश को एक चिंता और चुनौती के लिए आगाह करना चाहता हूं. सोची-समझी साजिश से देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है. नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं. यह बर्दाश्त नहीं है. घुसपैठिए आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. जब डेमोग्राफिक परिवर्तन होता है, तो देश की सुरक्षा के लिए संकट पैदा होता है. हम देश में ऐसी हरकतों को स्वीकार नहीं करेंगे. इसलिए हमने हाई पावर डेमोग्राफी मिशन की शुरुआत की है. ये मिशन संकट को निपटाने में काम करेगा.
आत्मनिर्भर होना अनिवार्य
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा गुलामी ने हमें निर्धन बना दिया। गुलामी ने हमें निर्भर भी बना दिया और हमारी निर्भरता बढ़ती गई। दुर्भाग्य तो तब है जब निर्भरता की आदत लग जाए। आत्मनिर्भर होने के लिए हर वक्त जागरूक होना पड़ता है। आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात और निर्यात, पैसे और डॉलर तक सीमित नहीं है। इसका नाता हमारे सामर्थ्य से जुडा हुआ है। जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है तो सामर्थ्य भी निरंतर क्षीण होता जाता है। इसलिए हमारे सामर्थ्य को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।
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