रायपुर. चाय पर चर्चा की राजनीति के कई सालों बाद अब पकौड़े पर जमकर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. यह तो खुद पकौड़े को भी मालूम नहीं रहा होगा एक दिन वह राजनीति की कड़ाई में इतना तला जायेगा. विपक्ष तो इस मामले पर सरकार को लगातार घेर रहे ही रही है. मगर आज भाजपा के भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा ने पकौड़े पर अनोखा बयान देकर सबको चौंका दिया है.

विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा के बाहर मीडिया को बयान देते हुए कहा कि पकौड़े बनाना और बेचना भी एक कला है. पकौड़े बेचने की ट्रेनिंग अब सरकारी व्यवस्था के तहत किए जाने की जरुरत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पकौड़े बनाने और बेचने की ट्रेनिंग को प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट योजना में शामिल करने की मांग की है. उन्होंने पकौड़े बेचने को स्किल साबित करने बाकायदा सदन में उदाहरण भी प्रस्तुत किये.

‘चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी लगाएंगे पकोड़े के ठेले’

छत्तीसगढ़ विधानसभा  के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की ओपनिंग करते हुए बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के लोग जगह-जगह पकोड़े का ठेला लगा रहे हैं. वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस चुनाव के 2018 में चुनाव हारने के बाद केवल पकोड़े बेचने का काम रह जाएगा. इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने शिवरतन शर्मा को टोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इसे रोजगार बता रहे हैं और आप पकोड़े की आलोचना कर रहे हैं.

शिवरतन ने बताया एक इंजीनियर ने नौकरी छोड़ लगाया पकोड़े का ठेला, तनख्वाह से ज़्यादा हो रही है कमाई

बाद में भाटापारा विधायक शिवतरन शर्मा ने बात सम्हालते हुए कहा कि, पकोड़े बेचना रोजगार है. उन्होंने दावा किया कि मेरे क्षेत्र में एक गुपचुपवाले का बेटा इंजीनयर बना. उसे 28 हजार रूपए महिने तन्ख्वाह की नौकरी मिली. उसने कुछ दिन बाद रोजगार छोड़ दिया अब वह अपने गुपचुप वाले पिता के ठेले के सामने अपना ठेला लगाता है और वहां पकोड़े बेचता है. शिवरतन का दावा है कि इससे वो अपनी तनख्वाह से ज़्यादा कमा रहा है.

शिवरतन के इस बयान पर चुटकी लेते हुए विपक्ष के विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि प्रदेश में इसी तरह बेरोजगारों की संख्या 23 लाख पंहुच गई है. सरकार पकोड़े का ठेला लगाने की सलाह दे रही है.