बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला कोरगुड़ा में स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से 5 बच्चों के चोटिल होने की घटना के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने त्वरित कार्रवाई की है. जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि शाला के निरीक्षण में पाया गया कि मूल भवन का एक कमरा बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है.

बता दें, आज कोरगुड़ा के प्राथमिक स्कूल में  कक्षा 5 वीं के 24 बच्चे स्कूल के एक कमरे में पढ़ाई कर रहे थे, तभी अचानक 5 बच्चों पर स्कूल की छत का प्लास्टर गिर गया. इस घटना में 5 स्कूली बच्चे घायल हो गए. चीख पुकार से पूरा स्कूल गूंजने लगा. आनन फानन में निजी वाहन से बच्चों को जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया गया. राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई है. इस घटना के बाद काम में लापरवाही और बच्चों की जान को खतरे में डालने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रधानपाठक और संकुल समन्वयक को निलंबित कर दिया है.

प्रशासनिक निर्देशों की अवहेलना

जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने आगे बताया कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने पहले ही निर्देश दिए गए थे कि बच्चों को असुरक्षित भवन में नहीं बैठाना चाहिए और उन्हें केवल सुरक्षित कक्ष में ही पढ़ाई कराई जानी चाहिए. इसके बाद प्रधान पाठक ने 25 जुलाई 2024 को प्रमाण पत्र दिया था कि जर्जर भवन को बंद कर दिया गया है और बच्चों को नए अतिरिक्त कक्ष में पढ़ाया जा रहा है. लेकिन निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि बच्चों को पुराने भवन में ही पढ़ाया जा रहा था और नए कक्ष को प्रधान पाठक अपने कार्यालय के रूप में उपयोग कर रहे थे.

संकुल समन्वयक की लापरवाही

संकुल केन्द्र दुधली के संकुल समन्वयक यशवंत निर्मलकर द्वारा 29 जुलाई 2024 को प्रस्तुत रिपोर्ट में सभी शालाओं की स्थिति ठीक बताई गई थी. लेकिन, संकुल समन्वयक द्वारा शालाओं का निरंतर निरीक्षण न किए जाने को उनकी शासकीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और उदासीनता के रूप में देखा गया. इसके परिणामस्वरूप, निर्मलकर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बालोद निर्धारित किया गया है.

प्रधान पाठक का निलंबन

प्रधान पाठक मती तुलसी देवी गोयल ने उच्च कार्यालय द्वारा दिए गए निर्देशों की अवहेलना की है, जो शासकीय कर्तव्यों के प्रति उनकी लापरवाही और स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है. इस कारण उन्हें भी छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी डौण्डीलोहारा होगा. इसे भी पढ़ें: कब तक दहशत के साये में होगी पढ़ाई ? सरकारी स्कूल की छत गिरने से 5 छात्र घायल, विधायक ने अस्पताल में बच्चों से की मुलाकात

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