जयपुर. पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव विकास सीताराम भाले ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए विभाग अगले 100 दिन की कार्ययोजना बनाकर इसे क्रियान्वित करे. पशुपालन विभाग में बुधवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि राज्य सरकार अपने संकल्प पत्र में किसानों और पशुपालकों से किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार का यह संकल्प पत्र हमारे लिए नीति निर्धारक के रूप में काम करेगा. उन्होंने कहा कि हमें अपनी कार्ययोजना बनाते समय 25 वर्षों के विजन को ध्यान में रखना है. हमें यह ध्यान मे रखना है कि अगले 25 सालों में हम अपने प्रदेश को कहां देखना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य के जीडीपी का 15 प्रतिशत पशुपालन से आता है यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. दुग्ध प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी काम करने की बहुत अच्छी संभावना है. हमारे पास केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास दिलाने का एक अवसर है कि पशुपालन को और अधिक महत्व मिलना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हमारी कार्ययोजना परिणामोन्मुख होनी चाहिए. उन्होंने आगामी 100 दिनों की प्रभावी कार्ययोजना एक सप्ताह में बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव ने राजस्थान डेयरी फेडरेशन, मत्स्य पालन विभाग, गोपालन विभाग और श्रम विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से संबोधित किया और सभी सबंधित अधिकारियों को अपने अपने विभाग की कार्ययोजना एक सप्ताह में बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़, श्रम आयुक्त डॉ घनश्याम, राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा, गोपालन विभाग के निदेशक सुभाष महरिया, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, मत्स्य विभाग के निदेशक पी एस विश्नोई सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी एवं ई एस आई से डॉ अनुराधा उपस्थित रहे.