हकिमुद्दीन नासिर, महासमुंद. जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी है. बसना विधायक संपत अग्रवाल के अनुशंसा पर एक प्रधानपाठक को निजी संस्था की तरफ से अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा मे भंडारा सेवा के लिए 65 दिन का अवकाश देकर बच्चों के भविष्य को अधर में लटकाने का अनोखा आदेश जारी किया है. जहां शासकीय इस आदेश की चर्चा आम है. वहीं शिक्षा विभाग के आला अधिकारी गलत होता देख रटा-रटाया राग अलापते हुए जांच के बाद कार्रवाई का कोरा आश्वासन दे रहे हैं.

बता दें कि महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने 20 जनवरी 2024 को एक आदेश जारी किया, जिसमें विश्वामित्र बेहरा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला बिजेपुर का नाम था. विषय था अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए कार्यमुक्ति बाबत. उसके आगे लिखा था विधायक बसना के निर्देशानुसार विश्वामित्र बेहरा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला बिजेपुर को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नीलांचल सेवा समिति बसना की ओर से भंडारा सेवा के लिए नियुक्त किए जाने के फलस्वरूप संबंधित को उक्त कार्य के लिए 23 जनवरी 2024 से 29 मार्च तक इस कार्यालय के लिए कार्य मुक्त किया जाता है.

नियमानुसार एक शासकीय कर्मचारी को एक निजी संस्था के लिए अयोध्या मे भंडारा के लिए नहीं भेजा जा सकता. प्रधान पाठक अर्जित अवकाश लेकर जा सकता था पर नियम विरुद्ध ऐसे किसी कर्मचारी को अवकाश नहीं दिया जा सकता है.

इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी नहीं होने की बात कही है. वहीं सहायक संचालक का कहना कि नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा. नियमानुसार इस कार्य के लिए अवकाश नहीं दिया जा सकता है.

गौरतलब है कि इस आदेश के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर प्राथमिक शाला बिजेपुर में कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक के 33 छात्र-छात्राओं को क्या एक शिक्षिका पढ़ा पाएगी? दूसरा एक शासकीय शिक्षक को किस नियम के आधार पर एक निजी संस्था में सेवा देने के लिए कार्यमुक्त किया जा सकता है ? एक विधायक क्या इस प्रकार की अनुशंसा कर सकता है ? बहरहाल देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई करती है या फिर पूरा मामला राजनीति के भेंट चढ़ जाएगा.

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