सत्या राजपूत, रायपुर. राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में सैकड़ों कैदी शिक्षा की अलख जगा रहे. तिहाड़ जेल के बाद रायपुर में सबसे ज्यादा बंदी पढाई कर रहे. शिक्षा सत्र 2024-25 में पहली कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर तक 291 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं. इन सभी कक्षाओं की परीक्षा के लिए संबंधित शिक्षा संस्थानों, बोर्ड और विश्वविद्यालय ने रायपुर सेंट्रल जेल में परीक्षा केंद्र भी बनाया है. इस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में रायपुर सेंट्रल जेल ने यह उपलब्धि हासिल की है. उम्मीद है कि यहां शिक्षा प्राप्त करने के बाद कैदियों में शायद ही अपराध करने की प्रवृत्ति दोबारा आएगी.

रायपुर सेंट्रल जेल में सैकड़ों बंदियों की जिंदगी को शिक्षा के माध्यम से बदलने का प्रयास किया जा रहा है. यहां भारत साक्षरता मिशन अंतर्गत (उल्लास) 39 बंदी परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे हैं. प्राथमिक व माध्यमिक कक्षा में 72 से ज्यादा कैदी पढ़ाई कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ ओपन हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा में 68 बंदी परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे हैं. बीए और एमए में 100 से ज्यादा कैदी हैं. समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, हिंदी साहित्य अंग्रेजी साहित्य, लोकप्रशासन सहित अनेक विषयों पर कैदी पीजी कर रहे हैं.

कॉलेजों के प्राध्यापक और विषय विशेषज्ञों का मिल रहा मार्गदर्शन

68 कैदी संस्कृत के अनेक विषयों में पढ़ाई कर रहे हैं. इसी तरह इग्नू के अनेक पाठ्यक्रमों में सैकड़ों कैदी अध्ययनरत हैं. यहां इन कक्षाओं से संबंधित 11 हजार 663 पुस्तकें भी पुस्तकालय में रखी गई है. जेल शिक्षकों के अलावा विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापक व समय-समय पर विषय विशेषज्ञ पाठ्यक्रम अनुसार कैदियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं. साथ ही प्रत्येक बैरक में कैदियों को शिक्षा देने के लिए दो-दो कैदियों को सांकेतिक साक्षरता सेना (देखरेख) के रूप में नियुक्त किया गया है.

रायपुर जेल में ही बनाया गया स्थायी परीक्षा केंद्र

जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि जेल में कैदियों को शिक्षित करने के लिए अनेक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में रायपुर सेंट्रल जेल सतत् काम कर रही है. शिक्षा सुविधा के मामले में तिहाड़ के बाद रायपुर सेंट्रल जेल है, जहां सैकड़ों कैदी पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं. जेल में अध्ययनरत कैदियों को परीक्षा देने बाहर नहीं जाना पड़े इसलिए चार शैक्षिक संस्थाओं ने रायपुर सेंट्रल को स्थायी परीक्षा केंद्र बनाया है. छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल एनआईओएस, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम्, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मान्यता मिली है.