Sports News. भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का विवादों से नाता बनता जा रहा है. अपने करियर की शानदार शुरुआत करने वाले विस्फोटक बल्लेबाज शॉ भारतीय टीम (Indian Cricket Team) में जगह बनाने की दौड़ में लगातार पिछड़ते जा रहे हैं. लेकिन, उनका कहना है कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए वह अपने स्वभाविक खेल पर भरोसा करना जारी रखेंगे. शॉ ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच जुलाई 2021 में कोलंबो में श्रीलंका (Ind vs SL) के खिलाफ T20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में खेला था. भारतीय टीम में वापसी के लिए उन्हें किसी चमत्कार की जरूरत है.
दाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) में सेंट्रल जोन और वेस्ट जोन (CZONE vs WZone) के बीच खेले गए मैच के बाद कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मैं ऐसा नहीं मानता हूं कि मुझे अपने खेल में बदलाव करने की जरूरत है. हां, मैं अपने खेल में समझदारी के साथ सुधार कर सकता हूं. मैं चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकता या वो मेरी तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकते. वेस्ट जोन के लिए खेलने वाले शॉ ने कहा कि मैं उसी चीज को करने की कोशिश कर रहा हूं जिसकी मदद से यहां तक पहुंचा हूं. उदाहरण के तौर पर मेरी आक्रामक बल्लेबाजी और मैं इसमें बदलाव नहीं करना चाहता हूं.
23 वर्षीय इस खिलाड़ी ने कहा कि वह अपने करियर के इस चरण में अधिक से अधिक मैच खेलना चाहते हैं. भारतीय टीम में वापसी की कोशिश के तहत उनके लिए हर रन बहुत महत्वपूर्ण होगा. शॉ ने कहा कि मुझे लगता है कि इस समय मुझे जिस मैच में भी खेलने का मौका मिला रहा है वह मेरे लिए काफी अहम है. मैं दलीप ट्रॉफी में खेलूं या मुंबई के लिए मैच खेलूं, मुझे लगता है कि मेरे लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना बहुत महत्वपूर्ण है. शॉ हालांकि दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल की दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे. उन्होंने 25 और 26 रन की पारी खेली.