सुशील सलाम,कांकेर. जिस उमर में बच्चे स्कूलों और कॉलेजों में जाकर अपना भविष्य बेहतर गढ़ते है, उसी उम्र के बच्चों को प्रलोभन देकर एक निजी कंपनी के नुमाइंदे लगातार क्षेत्र में ठगी कर रहे है.

दरअसल परलकोट क्षेत्र में विगत छः महीनों से एक निजी कंपनी के नाम पर प्रत्येक रविवार को क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर स्कूली छात्रों को स्किल डेवलोपमेन्ट के नाम पर बुलाकर बैठक ली जा रही है. जिसमें कई नाबालिग बच्चें भी शामिल होते है. कंपनी के नुमाइंदों द्वारा बच्चों से 2000 हज़ार से लेकर 14000 रुपये तक लेकर उन्हें एक कीट दिया जा रहा है. जिस कीट में कई दवाईयां भी शामिल है. बच्चों से इन दवाईयों को बेचवाने के साथ-साथ ही इन बच्चों से इस कंपनी में नये लोगों को जोड़ने को कहा जा रहा है. अब तक इस कंपनी के नुमाइंदों द्वारा लगभग 200 से अधिक बच्चों को जोड़ा जा चुका है और साथ ही सैकड़ों यूनिट दवाईयां भी लोगों को दी जा चुकी है.

कंपनी की ओर से मीटिंग लेने पहुंची कांकेर जिले के चारामा निवासी कामिनी साहू से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि उनके द्वारा जो दवाईयां बेची जा रही है वो बिना किसी डॉक्टर के सुझाव के ही दिए जा रहे है. साथ ही जब उनसे कंपनी के रेजिस्ट्रेशन और प्रशासन की अनुमति के बारे में पूछा गया तो उनके गोलमोल जवाब दिया गया.

जब पुलिस को पखांजुर नगर पंचायत में स्थित हरिचांद स्कूल में चल रहे इस ट्रेनिंग के बारे में पता चला तो पुलिस मौके पर पहुँची और कंपनी के नुमाइंदों को पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले गई. जिसमें कई नाबालिग भी थे. परलकोट क्षेत्र में विगत 10 वर्षों में लगभग दर्जनभर कंपनियां आयी और यहां के लोगों से करोड़ों रूपए ऐंठकर चली गई. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आये दिन ऐसे कंपनियों द्वारा प्रशासन के नाकों तले मासूम बच्चों और युवाओं को ऐसे ट्रेनिंग देकर ठगी करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिस पर प्रशासन लगातार अपनी आंखें मूंदे हुए है.

अब तक पुलिस द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ऐसे ठग कंपनियों के हौसले बुलंद है और परलकोट की जनता एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही के चलते ठगी के शिकार होने को तैयार है.