अनमोल मिश्रा, सतना। मध्यप्रदेश के सतना में एक बार फिर निजी अस्पताल की मनमानी और अवैध वसूली का मामला सामने आया है, जहां दिवित हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पर इलाज के दौरान एक आदिवासी व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव को बंधक बनाने का आरोप लगा है। परिजनों के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन ने बकाया पैसे न देने पर शव देने से इनकार कर दिया था। जानकारी के अनुसार, सतना के शिवसागर निवासी तुलसीदास कोल (पिता भूरेलाल) को पेट में दर्द की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें एक निजी अस्पताल, दिवित हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया।
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परिजनों का आरोप है कि तुलसीदास के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल ने इलाज के लिए उनसे पहले ₹25,000 जमा कराए, इलाज के दौरान तुलसीदास की मौत हो गई। जब परिजन उनके शव को लेने पहुंचे, तो अस्पताल प्रबंधन ने उनसे ₹72,000 के बकाया बिल का भुगतान करने की मांग की। पैसे न देने पर अस्पताल ने शव देने से साफ मना कर दिया, जिससे आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया।
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परिजनों का सीधा आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान योजना के तहत इलाज का वादा करके भी अवैध वसूली कर रहा है। जब पैसे नहीं दिए तो शव को बंधक बना लिया, इस पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया और मामले की शिकायत एसडीएम सिटी राहुल सिलाडिया और पुलिस को दी। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार अस्पताल प्रबंधन ने शव को परिजनों को सौंपा। इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की मनमानी और गरीब मरीजों के शोषण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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