SHANTI Bill: परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि शांति बिल में उन्हीं सुरक्षा उपायों को रखा गया है जो प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय अमल में आए थे. लोकसभा ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्ष के विरोध के बीच बुधवार को मंजूरी प्रदान की. सरकार ने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ यानी SHANTI बिल को ऐतिहासिक करार दिया है तो विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसमें आपूर्तिकर्ता के उत्तरदायित्व का प्रावधान नहीं है. जितेंद्र सिंह द्वारा विधेयक पर चर्चा का जवाब दिए जाने के बाद सदन ने विपक्ष के संशोधनों को खारिज करते हुए इसे ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी. मंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नेहरू जी के योगदान को स्वीकार करते हैं.

मंत्री ने कहा, ‘यदि हमने 2047 तक 100 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है तो पूरा करने में परमाणु क्षेत्र महत्वपूर्ण है.’ सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में अलग-थलग रहने का दौर खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि उन्हीं सुरक्षा उपायों को जारी रखा गया है जो प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय अमल में आए थे. उन्होंने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी, लेकिन सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया गया है.

कुछ सदस्यों द्वारा 15 साल पहले भाजपा की ओर से अरुण जेटली द्वारा परमाणु ऊर्जा विधेयक के कुछ प्रावधानों का संसद में विरोध किए जाने का उल्लेख करने पर मंत्री ने कहा कि अब समय बदल गया है. मंत्री ने कहा कि नुकसान की स्थिति में संचालक को भरपाई करनी होगी तथा परमाणु उत्तरदायित्व कोष होगा. उन्होंने कहा कि अब भारत अनुसरण नहीं करता है, बल्कि लोग भारत का अनुसरण करते हैं.

कांग्रेस, द्रमुक, सपा समेत कुछ विपक्षी दलों ने मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए सदन से वॉकआउट किया. इससे पहले, सिंह ने विधेयक को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही इस तरह के बड़े फैसले ले सकते हैं.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसका विरोध करते हुए यह भी कहा कि इसे विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाना चाहिए. तिवारी ने दावा किया कि ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ में आपूर्तिकर्ता के उत्तरदायित्व का कोई प्रावधान नहीं है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शशांक मणि ने कहा कि परमाणु ऊर्जा संबंधी विधेयक देश को नई दिशा देगा और ‘विकसित भारत’ के रथ को आगे बढ़ाएगा जिसका फायदा देश के हर नागरिक को होगा. 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विधेयक में विभिन्न खामियों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि इसमें रेडियोधर्मी पदार्थों के विकिरण और परमाणु अपशिष्ट से उत्पन्न होने वाले ‘जोखिम को पूरी तरह से नजरअंदाज’ किया गया है.

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