नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से भारत के अनुपस्थित रहने पर विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह इस कदम से स्तब्ध और शर्मिंदा है. उन्होंने कहा कि जब मानवता के हर कानून को ध्वस्त कर दिया गया है, तो ऐसे समय में अपना रुख तय नहीं करना और चुपचाप देखते रहना गलत है.

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया, जिसमें इजरायल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष-विराम का आह्वान किया गया था. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किए अपने पोस्ट में महात्मा गांधी के उस कथन का उल्लेख किया कि ‘आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है.’ उन्होंने कहा कि मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा.

प्रियंका ने कहा कि हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी. इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया. ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं. वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है.

उन्होंने कहा कि जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फलस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, तब रुख अपनाने से इनकार करना और चुपचाप देखना गलत है.