मार्कण्डेय पाण्डेय, लखनऊ : लंबी जद्दोजहद और कांग्रस पार्टी की मांग के बाद दक्षिण भारत से प्रियंका गांधी संसदीय राजनीति का श्रीगणेश करने जा रही हैं। हालांकि चुनावी प्रक्रिया में शामिल हुए बगैर ही वह पिछले कई चुनावों में खूब सक्रिय रही हैं। कभी अपनी मां सोनिया गांधी के लिए तो कभी भाई राहुल गांधी के लिए चुनावी सभाओं, रैलियों और रोड शो करती रही हैं। लेकिन अब वह वायनाड में होने वाले लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनने जा रही हैं।
दस सीटों पर फिर होगा महाभारत, उपचुनाव में NDA और PDA को साख बचाने की चुनौती
राहुल गांधी यूपी के रायबरेली से चुनाव जीतने के बाद कहा था कि अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं किया है कि वह रायबरेली से रहेंगे सांसद या वायनाड से लेकिन अब इसकी घोषणा हो चुकी है। वह रायबरेली से ही सांसद रहेंगे और वायनाड में उपचुनाव होगा। लगभग यह तय माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी दक्षिण भारत की इस सीट से चुनाव लड़ेगी।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला कहते हैं कि प्रियंका तो पहले भी राजनीति में पूरी तरह सक्रिय थी, चुनाव लडऩे से डरती थीं। अब उन्होंने वायनाड को सुरक्षित सीट मानकर आसान विकल्प के रुप में चुना है। लेकिन राहुल गांधी ने जिस तरह वायनाड की जनता को धोखा दिया है, उसका परिणाम कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ेगा और प्रियंका चुनाव हार जाएंगी।
Follow the LALLURAM.COM channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक