नई दिल्ली। ये करीब-करीब तय हो चुका है कि कांग्रेस के सभी प्रदेशों के अध्यक्ष को राष्ट्रीय नेतृत्व ही बनाएगा. दिल्ली में हुई चुनाव प्राधिकरण की बैठक में इस बात के संकेत सभी राज्यों के पीआरओ को दे दिए गए हैं. दिल्ली में मंगलवार को हुई चुनाव प्राधिकरण की बैठक में पीआरओ को कह दिया गया है कि वे अपने राज्यों में जाकर वरिष्ठ नेताओं की बैठक करें और आम सहमति बनाकर भेजें.
सूत्रों के मुताबिक इस बात के संकेत भी दे दिए गए हैं कि सहमति किस बात पर बनानी है. सूत्रों के मुताबिक पीआरओ को राज्यों से प्रदेश अध्यक्ष को चुनने का फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित करके भिजवाना है. ये प्रस्ताव राज्य के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में ही पास होगा. प्राधिकरण के निर्देश के मुताबिक सभी राज्यों में 10 अक्टूबर तक बैठक करके प्राधिकरण के पास जमा कराया जाना है.
इस संकेत का मतलब साफ है कि राष्ट्रीय नेतृत्व अपने हिसाब से राज्यों के सिपेहसालार तय करेगा. ऐसा होने की सूरत में कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए जाएंगे जिसकी संभावना काफी पहले से जताई जा रही है. जिस तरह से कांग्रेस आलाकमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर ये निर्देश जारी किया गया है उसके मुताबिक़ अब कांग्रेस की ज़िलाध्यक्ष समेत सभी सूची १० अक्टूबर के बाद जारी होने की संभावना जतायी जा रही है.
क्या होगा छत्तीसगढ़ में
प्रदेश अध्यक्षों को क्या उन राज्यों में बदला जाएगा जहा अगले साल चुनाव हैं. अगर बदला जाता है तो ये बड़ा फैसला होगा. माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में अध्यक्ष बदला जाना तय है. जबकि छत्तीसगढ़ में भी कई नेता अध्यक्ष पद के दावेदार नज़र आते हैं.
भूपेश के अलावा 6 और नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं. जिनमें ताम्रध्वज साहू, चरणदास महंत, धनेंद्र साहू, रविंद्र चौबे, सत्यनारायण शर्मा, मोहम्मद अकबर शामिल हैं, हालांकि इस बात की संभावना कम है कि भूपेश बघेल को बदला जाएगा क्योंकि राहुल गांधी दिल्ली और जगदलपुर में ये साफ कर चुके हैं कि चुनाव भूपेश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.