रायपुर- छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में प्रोबेशन पीरियड की अवधि दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी गई है. राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी देते हुए अधिसूचना जारी कर दिया है. हालांकि सरकार की ओर से दी जा रही दलील कहती है कि कोरोना संकट से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने कई तरह के फैसले लिए जा रहे हैं, यह फैसला भी उसी रणनीति का हिस्सा है. सरकार ने साफ कर दिया है कि कई राज्यों में जिस तरह से कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जा रही है, छत्तीसगढ़ में कटौती नहीं होगी, लेकिन अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिहाज से ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं.
सरकार की अधिसूचना के तहत सीधी भर्ती के पदों पर आने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को तीन साल के प्रोबेशन पीरियड में सिर्फ स्टायपेंड दिया जाएगा. पहले दो सालों तक स्टायपेंड दिया जाता था और तीसरे साल से नियमित पदस्थापना दी जाती थी. अधिसूचना में कहा गया है कि पहले साल में कर्मचारियों को जिस पद पर वे चयनित हुए हैं, उस पद के वेतन का न्यूनतम 70 फीसदी दिया जाएगा, दूसरे साल में 80 फीसदी और तीसरे साल में पद के वेतनमान का 90 फीसदी दिया जाएगा. इसके साथ-साथ प्रोबेशन पीरियड के दौरान अन्य भत्ते भी मिलेंगे. प्रोबेशन खत्म होने के बाद जब कर्मचारी स्थायी रूप से नियुक्त होंगे, तब उन्हें समयमान न्यूनतम वेतनमान दिया जाएगा. सीधी भर्ती के साथ-साथ लोक सेवा आयोग से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति भी शामिल है.
बीजेपी ने किया विरोध, तो कांग्रेस ने किया पलटवार
सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने विरोध दर्ज किया है. बीजेपी के पूर्व विधायक देवजीभाई पटेल ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीधी भर्ती या पीएससी जैसे कठिन परीक्षाओं से चयनित होकर आने वाले युवाओं में इससे निऱाशा होगी. राज्य सरकार के सभी बड़े पदों पर प्रतिभावान चयनित युवाओं को 3 साल के लिए स्टाइपेंड देना शर्मनाक है. इससे प्रतिभावान युवा राज्य सरकार के नौकरियों के प्रति उदासीन होंगे. पटेल ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई सरकार वादाखिलाफी कर रही है. प्रदेश के युवाओं को सड़कों पर उतर कर अपना विरोध दर्ज करना चाहिए. देवजी पटेल इस बात पर आश्चर्य जताया है कि ऐसी बुद्धि आखिर सरकार को कौन दे रहा है. आखिर एक साल का प्रोबेशन पीरियड बचाकर राजकोष में कितनी बचत सरकार कर लेगी.
इधर पूर्व विधायक देवजी पटेल के बेरोजगारों की चिंता पर उठाए गए सवालों पर तीखा पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि 15 वर्षो के बेरोजगारी आंकड़े बताते हैं कि रमन सरकार ने प्रदेश के शिक्षित युवा बेरोजगारों को सिर्फ और सिर्फ झूठे प्रलोभन और आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं दिया वही दूसरी ओर रमन सरकार में किसी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत नही रहे लोगो की मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत बे फिजूल नियुक्तियां की गई थी. संघी मानसिकता और भाजपा से जुड़े लोगों को सीएम फैलोशिप योजना के नाम पर 1 लाख रुपए की पारिश्रमिक राशि देकर उपकृत किया जाता रहा, जिससे करोड़ों रुपये भुगतान कर राजकीय राजस्व को निजी लाभ के लिए नुकसान पहुचाया जाता रहा और जनता की गाढ़ी कमाई को सत्ता का दुरुपयोग कर बेफिजूल बर्बाद किया गया. तिवारी ने कहा कि 18 माह की भूपेश सरकार ने बेरोजगारों की चिंता करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग में 15 हज़ार से अधिक तथा वैश्विक महामारी कोरोना से उपजे हालातो में स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सको की आवश्यकता को देखते हुए 5 हजार से अधिक की संख्या में भर्तियों की घोषणा की है.