रोहित कश्यप, मुंगेली. कहने को तो मुंगेली में सभी विभागों के अधिकारियों को एक ही जगह रखने के उद्देश्य से कम्पोजिट बिल्डिंग बनाया गया है. ताकि विभागीय कामकाज या शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण आसानी से अपनी बात अधिकारियों तक पहुंचा सके. लेकिन करोड़ों की लागत से निर्मित कलेक्ट्रेट भवन में कोई अधिकारी नहीं मिलते. समस्या लेकर पहुंचे ग्रामीणों को इधर उधर भटकना पड़ता है. एक ऐसा ही मामला शुक्रवार को देखने को मिला. विचारपुर के ग्रामीण कंपोजिट बिल्डिंग पहुंचे तो वहां कलेक्टर नहीं मिले, कलेक्टर की अनुपस्थिति में अपनी शिकायत लेकर ग्रामीण अपर कलेक्टर के चेम्बर में गए. मगर साहब लंच में जाने की बात कहते हुए चेम्बर से निकल गए.
घंटों इंतजार के बाद जब अपर कलेक्टर राजेश नशीने पुनः अपने चेम्बर में पहुंचे. तब ग्रामीण बड़ी आस के साथ फिर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. साहब ने तहसीलदार के पास जाने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया. और तहसील कार्यालय का रास्ता दिखा दिया.
बता दें कि ग्रामीणों की नाराजगी इसलिए भी जायज है क्योंकि इनमें से कुछ लोग इतने बुजुर्ग थे कि चलने फिरने में असमर्थ थे और लाठी के सहारे बड़ी मुश्किल से कलेक्टरेट परिसर में चल पा रहे थे. जिनमें दिव्यांग बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल थी.
इस पूरे मामले को लेकर अपर कलेक्टर राजेश नशीने ने कहा है कि ग्रामीण पंचायत स्तर पर परिसीमन की शिकायत लेकर आये थे. उनके गांव को दूसरे गांव में जोड़ा जा रहा है, जिसके संबंध में न तो ग्रामीणों को पूर्व में सूचना दी गई और नही पंचायत में कोई सूचना जारी किया गया था. इसके सबंध में लोरमी एसडीएम को जांच करने कहा गया है. लापरवाही बरतने वालों पर जरूर कार्यवाही की जाएगी.