नई दिल्ली। देश में एक बार फिर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर परामर्श की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 22वें विधि आयोग ने बुधवार को बयान जारी कर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों से राय मांगी है. विधि आयोग के इस कदम पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले 22वें विधि आयोग ने इच्छुक लोगों से 30 दिन में अपने विचार अपने वेबसाइट या ईमेल पर देने के लिए कहा है. आयोग ने विचार प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन का समय दिया है.
बता दें कि इससे पहले 21वें विधि आयोग ने भी 3 साल से पहले इस विषय पर अध्ययन करने के बाद और चर्चा की जरूरत बताई थी. अब नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जा रही है. उल्लेखनीय है कि 22वें विधि आयोग को हाल में तीन साल का कार्य विस्तार दिया गया है. इसने कानून एवं न्याय मंत्रालय की ओर से एक पत्र भेजे जाने के बाद समान नागरिक संहिता से जुड़े विषयों की पड़ताल शुरू कर दी है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, विरासत और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनों के एक सामान्य सेट तैयार किया जाए चाहे नागरिक किसी भी धर्म का हो. वर्तमान में विभिन्न कानून विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के लिए इन पहलुओं को विनियमित करते हैं.