आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। लंबे इंतजार के बाद अब बस्तर के पहले बैलाडीला की खदानों से निकले लौह अयस्क से स्टील बस्तर में ही बनेगा. नगरनार में निर्माणाधीन स्टील प्लांट में आखिर स्टील का उत्पादन शुरू कर दिया है. सीएमडी सहित तीन अन्य डायरेक्टर इस अंतिम कमिशनिंग के लिए जगदलपुर पहुंचे थे, उनकी मौजूदगी में स्टील उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. भिलाई स्टील प्लांट के बाद यह छत्तीसगढ़ में दूसरा सार्वजनिक क्षेत्र का स्टील प्लांट है.

देश में स्टील उत्पादन करने वाले संयंत्रों में बस्तर का नगरनार स्टील प्लांट भी शामिल हो गया है. औद्योगीकरण की दिशा में बस्तर का यह पहला और महत्वपूर्ण कदम है. एनएमडीसी के सीएमडी अमिताव मुखर्जी के साथ निदेशक मंडल के सदस्य डीके मोहंती स्टील प्लांट के परिचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी उठाएंगे. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी मेकान लिमिटेड के निदेशक एसके वर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में देर रात 12 बजे स्टील प्लांट उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की गई.

मंगलवार से इसके अंतिम उत्पाद बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. एनएमडीसी को पहले खेप में कुल 195 टन स्टील बनाने में सफलता मिली, अब इस स्टील से हॉट रोल्ड कॉइल का उत्पादन कर बाजार में बिक्री के लिए उतारा जाएगा. देश-विदेश के 200 से अधिक विशेषज्ञों ने स्टील उत्पादन की प्रक्रिया को पूर्ण करने में मदद की है. 25,000 करोड रुपए की लागत से बना यह स्टील प्लांट सालाना 3 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करेगा.

गौरतलब है कि स्टील प्लांट के विनिवेश को लेकर भी विवाद जारी है. स्थानीय लोगों के पुनर्वास कार्य एवं विनिवेश के मुद्दे पर राज्य की कांग्रेस सरकार और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज है. इस बीच माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के हाथों से नवंबर के महीने में इस प्लांट का उद्घाटन करवाया जा सकता है.