सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में व्यावसायिक शिक्षक भर्ती घोटाले पर लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है। समग्र शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है।
बता दें कि यह कदम उस खुलासे के बाद उठाया गया है जिसमें बताया गया था कि सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षक (Vocational Trainer) के पद 2-3 लाख रुपये में बेचे जा रहे हैं। अभ्यर्थियों और NSUI कार्यकर्ताओं ने समग्र शिक्षा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर भर्ती रद्द करने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की थी।

जांच समिति में ये अधिकारी शामिल
- डी.के. कौशिक, उप संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय – अध्यक्ष
- बृजेश बाजपेयी, उप संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय – सदस्य
- ए.के. सारस्वत, उप संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय – सदस्य
यह समिति प्रभारी प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ के आदेश पर गठित की गई है। इसका उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित सभी शिकायतों की जांच करना है।
देखें आदेश

क्या था मामला?
25 जुलाई को लल्लूराम डॉट कॉम ने एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में दावा किया था कि समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न ट्रेड्स (हेल्थ, आईटी, ब्यूटी एंड वेलनेस आदि) में नियुक्तियां ठेका कंपनियों द्वारा पैसे लेकर की जा रही हैं। आरोप है कि बिना परीक्षा परिणाम और नियम प्रक्रिया के सैकड़ों पद बेचे गए।
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इसके बाद 28 जुलाई को NSUI और अभ्यर्थियों ने समग्र शिक्षा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि 1500 पद चार दिन में बेचे गए, जिनमें से कई अभ्यर्थियों को बिना रिजल्ट के नियुक्ति पत्र मिल गए। उन्होंने समग्र शिक्षा प्रभारी पुष्पा साहू पर संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन में कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी।
अब आगे क्या?
सरकार ने भले ही जांच समिति बना दी हो, लेकिन अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या वाकई दोषियों पर कार्रवाई होगी?
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