Professor made MNREGA laborer on paper: पुरूषोत्तम पात्रा. गरियाबन्द. मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की क्लास लेने वाली प्रोफेसर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसका नाम मनरेगा की मजदूरी वाली लिस्ट में शामिल है और वे कागजों में प्रोफेसर के साथ-साथ मनरेगा मजदूर भी. ये कारनामा किया है कि देवभोग ब्लॉक के बरबाहली पंचायत सरपंच ने. इस पूरे मामले की शिकायत पिछले दिनों भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौराम मुख्यमंत्री से की गई थी, लेकिन अधिकारियों से अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसके बाद आज चिचिया आ रहे प्रभारी मंत्री से शिकायतकर्ता पुनः इस मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे.

शिकायतकर्ता

   देवभोग ब्लॉक के बरबाहली पंचायत में मनरेगा के कार्यो में जम कर भ्रष्टाचार करने का आरोप ग्राम के कुछ युवकों ने लगाया है. ग्रामीण देव कुमार, सीताराम, कंवल सिंह, फूलसिंह हीरालाल समेत 50 से भी ज्यादा ग्रामीण हस्ताक्षर कर प्रमाण सहित इसकी शिकायत 3 माह पहले भेंट मुलाकात में देवभोग पहुंचे सीएम भूपेश के पास की थी. लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

रांची के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाती है बेटी (Professor made MNREGA laborer on paper)

ग्रामीणों के शिकायत पत्र के मुताबिक सरपंच सुमित्रा सिन्हा की बेटी रेखा देवी पिछले 7 साल से गांव में नहीं रहती, वह एमएससी नर्सिंग तक कि पढ़ाई करने के बाद दो साल से रांची के एक नर्सिग कॉलेज में पढ़ाती है. विशेष मौके पर ही कभी कभार गांव में देखा गया है. 11 मार्च 2022 से 17 मार्च 2022 तक  नेशनल हाइवे से बजाड़ी सीमा तक चले मिट्टी मुरम सड़क कार्य के मस्टरोल में बेटी रेखा की 6 दिन की हाजिरी भरा गया है, इतना ही नहीं 20/09/22 को मजदूरी की राशि 1002 रुपये खाते में भी भेजा गया है. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि बेटी के नाम पर ऐसा कई बार मस्टरोल भरा गया है. शिकायत पत्र के मुताबिक सरपंच के बुजुर्ग सास-ससुर के अलावा देशी शराब दुकान में नियमित काम करने वाले देवर क्षमानिधि,आंगनबाड़ी सहायिका रेखा, इसके स्वीपर पति जलन्धर, रायपुर कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा गीतांजलि समेत इलाके के निजी संस्थानो में काम करने वाले लोगों के नाम पर मस्टरोल भरा गया है.

शिकायतकर्ता के मुताबिक इन सब गड़बड़ झाला के पीछे पति पुनित सिन्हा का हाथ है. पंचायत में कई काम के बिल भी पति के फर्म व वाहन के नाम से जारी किया गया है. मामले में सरपंच सुमित्रा ने पक्ष रखने के लिए पति पुनीत राम को कहा.

 पुनीत ने कहा कि

जो काम किया है उसी का मस्टरोल भरा गया है. नर्सिंग करने वाली मेरी बेटी ने भी श्रम किया है, श्रम करना कोई बुरी बात नहीं है. जिसको जैसा शिकायत करना है कर लेने दो.

मामले में जनपद सीईओ प्रतीक प्रधान ने कहा कि मामले की जांच प्रक्रिया में है,जल्द पुरी कर लेंगे, थोड़ा समय और लगेगा.

भरी बरसात में हुई ऐसे नाला की सफाई जो है नहीं

कागजों यहां बताया गया है नाला

मनरेगा में 2021 में ही खांदा तालाब से नीलांबर के घर तक नाला सफाई के लिए 9 लाख की स्वीकृति मिली, शिकायतकर्ताओं के मुताबिक दर्शाए गए नाम पर कोई नाला ही नहीं है. फिर भी यंहा  2021 में काम शुरू हुआ, 27 मार्च 21 से शुरु कर 15 जून 2021 तक काम चलाया गया. बरसात के समय फिर काम बन्द कर दिया गया. लेकिन इसी नाले के नाम मस्टरोल जारी करवा कर 13 जुलाई से 19 जुलाई तक कुल 18 दिन काम के अलावा बोगस काम दर्शाकर 1 लाख से ज्यादा रकम फर्जी तरीके से आहरण किए जाने का आरोप भी लगाया गया है.  इस मामले की जांच के आदेश 9 जनवरी 2023 को दिए गए, जिसे 7 दिन के भीतर जांच कर अभिमत जनपद अधिकारियो को देना था,पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

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