गोरखपुर. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के Professor के पोर्न वीडियो भेजने वाले मोबाइल मैकेनिक नहीं, बल्कि वहीं की शोध करने वाली छात्रा ही है. बताया जा रहा है कि प्रोफेसर की करतूतों से पर्दा उठाने वाली शिष्या, बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापिका बन चुकी है. दूसरे जिले में उसकी तैनाती है. फिर भी प्रोफेसर से छले जाने का बदला लेने को उसे खुद की नौकरी के साथ-साथ वह प्रोफेसर पर भी नजर बनाए हुए थी. वीडियो और अन्य साक्ष्य जुटाने के बाद उसने राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत की थी.

राष्ट्रीय महिला आयोग में मोबाइल मैकेनिक बनकर रंगीन मिजाज Professor की शिकायत की गई थी. आंतरिक कमेटी की जांच में सामने आया कि शिकायत करने वाला मोबाइल मैकेनिक नहीं, बल्कि एक शोधार्थी है, जो उसी प्रोफेसर के निर्देशन में शोध कर रही है. अब वह बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नौकरी कर रही है. उसकी तैनाती दूसरे जनपद में है. गोरखपुर विश्वविद्यालय के रंगीन-मिजाज प्रोफेसर का अश्लील वीडियो व ऑडियो समेत अन्य साक्ष्य भेजकर राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत की गई है. शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने विश्वविद्यालय की आंतरिक कमेटी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी.

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25 जुलाई को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खोंगडुप ने प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर सर्वेश पांडेय के साथ गोरखपुर पहुंचकर विश्वविद्यालय के कमेटी हॉल में आंतरिक कमेटी के साथ बैठक की. बैठक के दौरान आयोग ने आंतरिक कमेटी को 30 दिन में प्रारंभिक जांच व 90 दिन में विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि प्रोफेसर के निर्देशन में शोध करने के चलते वह सीधे शिकायत करने से डर रही थी. लेकिन, दूसरे जनपद में नौकरी करने के दौरान भी उसने प्रोफेसर पर नजर बनाए रखी.

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