नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राष्ट्रीय राजधानी में नगर निकायों के एकीकरण के बाद दरों में एकरूपता लाने के लिए संपत्ति दर (property tax) की नई दरें लागू की हैं. प्रॉपर्टी टैक्स की नई दरें 16 जुलाई से लागू होंगी. हालांकि उन करदाताओं पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, जो पहले ही अपने करों का भुगतान कर चुके हैं. इसी के साथ सभी क्षेत्रीय संपत्ति कर अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वो जल्द से जल्द उन सभी संपत्तियों का ऑनलाइन डेटाबेस तैयार कर लें, जो संपत्ति कर का भुगतान करने के दायरे में आता है, ताकि निगम के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके.

निगम ने संपत्ति कर श्रेणी के हिसाब से निर्धारित किए हैं. मनोरंजन एवं क्लब के लिए 4, बैंक्वेट हॉल, बारात घर के लिए 6, सरकारी या स्थानीय निकाय द्वारा संचालित या इनसे सहायता प्राप्त विद्यालय, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए 1, गैर सहायता प्राप्त या किसी ट्रस्ट एवं निजी संस्थानों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों के लिए 3, गैर-आवासीय संपत्तियों के लिए 2, व्यवसायिक प्रयोग के लिए 4, औद्योगिक प्रयोग के लिए 3 की दर से उपयोगिता गणक का इस्तेमाल करके संपत्ति कर का आकलन किया जाएगा.

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1500 वर्ग फुट से अधिक की गैर आवासीय संपत्तियों पर 20 प्रतिशत की समान दर

नगर निकाय ने ए और बी श्रेणी आवासीय कॉलोनियों के लिए 12 प्रतिशत, सी, डी, ई श्रेणी आवासीय कॉलोनियों के लिए 11 प्रतिशत, ई, एफ, जी श्रेणी आवासीय कॉलोनियों के लिए 7 प्रतिशत की दर से संपत्ति कर लगाने का निर्णय लिया है. वहीं, ए, बी, सी, डी, ई श्रेणी के तहत 1500 वर्ग फुट तक की गैर आवासीय संपत्तियों के लिए 20 फीसदी और ई, एल, एफ, जी के लिए 15 फीसदी संपत्ति कर की दर तय की गई है. 1500 वर्ग फुट से अधिक की गैर आवासीय संपत्तियों पर 20 प्रतिशत की समान दर से संपत्ति कर निर्धारित किया गया है.

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औद्योगिक संपत्तियों पर संपत्ति कर 15 प्रतिशत की एक समान दर पर

औद्योगिक संपत्तियों पर संपत्ति कर 15 प्रतिशत की एक समान दर से निर्धारित किया गया है. एयरपोर्ट और अटैच प्रॉपर्टी के लिए कवर की गई भूमि के लिए 20 प्रतिशत की दर से संपत्ति कर देना होगा. खुले स्थानों जैसे रनवे, टैक्सीवे, विमान के लिए पार्किंग लॉट पर 15 प्रतिशत की दर तय की गई है. इस बीच आवासीय और गैर-आवासीय फार्महाउस पर संपत्ति कर 20 प्रतिशत होगा.