रायगढ़. रायगढ़ में डीएमएफ शासी परिषद की बैठक काफी हंगामेदार रही. बैठक में सदस्य जनप्रतिनिधियों ने डीएमएफ से कृषि और उद्यानिकी उपकरणों की खरीदी पर आपत्ति जताते हुए इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग रख दी.

दरअसल, रायगढ़ में शासी परिषद की बैठक हुई, जिसमें डीएमएफ से होने वाले विभिन्न विभागों के कार्यों का अनुमोदन होना था. इसी बीच जब कृषि उपकरणों की खरीदी और भुगतान का मामला आया तो शासी परिषद में शामिल जनप्रतिनिधियों ने इसका खुलकर विरोध किया. उन्होंने खरीदी के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा पहले भी कृषि उपकरणों की खरीदी हुई है, जिसमें सप्लाई किए हुए सामान घटिया क्वॉलिटी के निकले. उपयोग के पहले ही वे खराब हो चुके थे. खरीदी की प्रक्रिया भी संदेह के दायरे में रही है. इन सभी बातों को लेकर शासी परिषद में शामिल जनप्रतिनिधियों ने डीएमएफ से कृषि उपकरणों की खरीदी नहीं किए जाने को लेकर अड़े रहे और माहौल काफी हंगामेदार हो गया.

जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल ने कहा कि, खरीदी किसानों के लिए की जाती है और उन्हें ही इसका लाभ नहीं मिल पाता ऐसे में यह डीएमएफ की राशि का दुरुपयोग है. इस पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है. वहीं सदस्य और कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार ने कहा कि, खरीदी में गड़बड़ी को लेकर लगातार खबरें आती रही हैं. ऐसे में कृषि एवं उद्यानिकी उपकरणों की खरीदी और सप्लाई को प्रतिबंधित कर देना चाहिए.

बताया जा रहा है कि, जिले में डीएमएफ से करोड़ों रुपए खर्च कर बड़े पैमाने पर कृषि और उद्यानिकी के मशीनों की खरीदी की गई थी, जिसमें सामग्री की गुणवत्ता और खरीदी की प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. बताया गया कि, डिलीवर हुआ सामान घटिया क्वॉलिटी का था और बहुत जल्द खराब हो रहा था. इसकी जांच की मांग भी की गई है. जिससे ये पूरा मामला विवादों के घेरे में आ गया है. अब शासी परिषद में शामिल जनप्रतिनिधियों ने डीएमएफ की राशि का उपयोग उपकरणों और मशीनों में ना करने की मांग रख दी है, जिससे पूरा मामला काफी गंभीर हो जाता है. हालांकि सदस्यों के विरोध के बाद कृषि उपकरणों की खरीदी और भुगतान के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि, खरीदी की राशि करोड़ों में थी.