पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. कलेक्ट्रेट में उस समय आपा धापी मच गई, जब फिंगेश्वर की 100 से ज्यादा छात्राएं अचानक कलेक्टर से मिलने पहुंच गई, लेकिन कलेक्टर छात्राओं से मिले बगैर सीधे निकल गए। छात्राएं कलेक्टर का रास्ता रोककर अपनी बात कहने की कोशिश करती रहीं पर कर्मचारी ने छात्राओं को हटाकर कलेक्टर को निकालने का रास्ता बना दिए।
अफसरों के इस रवैए से 65 किमी दूर से आए छात्राएं मायूस हुईं। हालांकि तत्काल ही जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर ने प्रशासन की ओर से मोर्चा संभालते हुए छात्राओं का ज्ञापन लिया। छात्राओं ने पूछा कि 425 दर्ज संख्या वाले कन्या स्कूल को किस नियम के तहत 225 दर्ज संख्या वाले बॉयज स्कूल में मर्ज किया गया। इस पर डीईओ ने कहा कि नियम से स्कूल को मर्ज किया गया है। छात्राओं की समस्या सुनने के बाद डीईओ ने कोई ठोस आश्वासन देने के बजाय स्थानीय स्तर पर इसका समाधान निकालकर छात्राओं को चलता कर दिया। वहीं छात्राओं ने कहा है कि अगर स्कूल को पृथक नहीं किया तो स्कूल नहीं जाएंगे।


छात्राओं के साथ पहुंची शाला शिक्षा समिति की प्रमुख संतोषी श्रीवास्तव ने बताया कि फिंगेश्वर मुख्यालय में स्थित 425 दर्ज संख्या वाले कन्या उच्चतर विद्यालय को 225 की दर्ज संख्या वाले बालक उच्चतर विद्यालय में मर्ज कर दिया गया है। इसका पूरजोर विरोध बच्चे, पालक व संचालन समिति कर रही। छात्राएं छात्रों के साथ एक स्कूल में नहीं पढ़ना चाहती। छात्रा ईश्वरी साहू ने कहा कि स्कूलों को नियम विरुद्ध मर्ज किया गया है। जब से लड़का-लड़की को एक साथ बैठने की व्यवस्था की गई है तब से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। छात्राओं ने कहा कि व्यवस्था बहाल नहीं की गई तो स्कूल जाना बंद कर देंगे।
युक्तियुक्तकरण करन का साइड इफेक्ट,फिंगेश्वर से 60 किमी दूर सफर तय कर कलेक्टोरेट पहुंची छात्राओं ने पूछा कि 425 दर्ज संख्या वाले कन्या छात्रावास को किस नियम के तहत 225 दर्ज संख्या वाले बॉयज स्कूल में मर्ज किया।कलेक्टर ने जवाब नहीं दिया,तो डिईओ बोले नियम से हुआ है।इधर छात्राएं बोली पृथक नहीं किया तो नहीं जाएंगे स्कूल।
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