प्रतापगढ़. बिहार से शुरू हुए रामचरितमानस की चौपाइयों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब प्रतापगढ़ के रानीगंज विधानसभा से सपा विधायक आरके वर्मा ने भी मानस की चौपाइयों को लेकर एक विवादित ट्वीट कर दिया है. जिसको लेकर अब हंगामा शुरू हो गया है. जनपद में आज मंगलवार को भाजयुमो ने विधायक की शव यात्रा निकालते हुए पुतला दहन किया.
दरअसल, बीते सोमवार को जनपद के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक ने आरके वर्मा ने भी रामचरितमानस को लेकर एक ट्वीट किया था. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए रामचरितमानस विवादित चौपाइयों को हटाए जाने की मांग की है. जिसको लेकर आज मंगवार भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताते हुए आरके वर्मा की शव यात्रा निकाली और पुतला दहन कर मुर्दाबाद के नारे लगाए.
भाजयुमो जिला अध्यक्ष अंशुमान सिंह आरके वर्मा के बयान पर विरोध जताते हुए कहा कि सपा और विधायक आपत्तिजनक शब्दावलि का प्रयोग करके हिंदू संस्कृति और हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा कृत्य ये चुनाव में वोट की राजनीति के लिए कर रहे हैं. इसमें अखिलेश यादव भी शामिल हैं. उनका आरोप है कि ये सब अखिलेश जी के कहने पर ही हो रहा है.
अंशुमान सिंह ने कहा कि रामचरितमानस पर जो आपत्ति जता रहे हैं, जब चुनाव आता है तभी बोलते हैं. इसके पहले इनको कोई आत्मज्ञान प्राप्त होता है, न कुछ कहना चाहते हैं. जब चुनाव नजदीक आता है तो ऐसा कृत्य करते हैं. रामचरित मानस की प्रतियां फाड़े जाने को उन्होंने घृणित कार्य बताया है. अंशुमान ने कहा कि ऐसे लोग हिंदू समाज में पैदा हुए हैं और देवी-देवातओं, रामचरितमानस को फाड़ रहे हैं तो वो राक्षसी प्रवृत्ति के लोग हैं. ऐसे लोगों का समाज से बहिष्कार होना चाहिए.
भाजयुमो जिला अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी लोगों ने सपा विधायक आरके वर्मा की शव यात्रा निकालकर उनका पुतला दहन किए. हमने मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “तुलसीदास भेदभाव, ऊँचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं, उससे आज का पिछड़ा,अनुसूचित, महिला व संत समाज अपमानित होता है, ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए.” विधायक आरके वर्मा ने रामचरितमानस से उन चौपाइयों को हटाने की मांग की है, जिसपर एक जाति विशेष को आपत्ति है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि स्कूलों में पाठ्यक्रम से तुलसीदास को हटाया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री एवं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते रोज कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते. सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। उन्होंने कहा था कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है, क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है.
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