वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। अंबिकापुर एयरपोर्ट के बिना पूरी सुविधाओं के उद्घाटन का हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति ने विरोध किया है. समिति का कहना है कि आधे-अधूरे एयरपोर्ट पर फ्यूल भराने की भी सुविधा नहीं है, जिससे आने वाले दिनों में हवाई सेवा के संचालन को लेकर संशय है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला राष्ट्रपति का पुलिस ध्वज सम्मान, 2018 में भेजा गया था प्रस्ताव…

हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के सुदीप श्रीवास्तव का कहना है कि रायपुर को छोड़कर, बिलासपुर, जगदलपुर और अंबिकापुर में जरूरी सुविधाएं भी नहीं हैं. 4 सी लाइसेंस, नाइट लैंडिंग, टेक्सी, कैंटीन जैसी सुविधाओं का अब तक अभाव बना हुआ है. उन्होंने बताया कि अंबिकापुर में हवाई जहाज के लिए रिफ्यूलिंग की व्यवस्था नहीं है, जिसका मतलब है कि कल विमान जरूर आएगा, लेकिन उसके बाद विमान नहीं उड़ेंगे. विमान सेवा तब तक शुरू नहीं होंगे, जब तक रिफ्यूलिंग की व्यवस्था नहीं होगी. इस लिहाज से आधा-अधूरा काम है, जिसका हम विरोध करते हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को दिल्ली से वर्चुअली अंबिकापुर के दरिमा स्थित एयरपोर्ट को प्रदेशवासियों को समर्पित करेंगे. अंबिकापुर-मैनपाट मार्ग पर ग्राम दरिमा में वर्ष 1950 में बने हवाई पट्टी से लेकर एयरपोर्ट बनने में 74 साल लग गए. लेकिन अभी भी सुविधाएं आधी-अधूरी बताई जा रही है.

हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति के सुदीप उपाध्याय

दरिमा का हवाई पट्टी विशिष्टजनों के प्रवास का गवाह रही है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दो बार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार विमान से दरिमा आ चुके हैं. अब भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना उड़ान योजना के तहत दरिमा एयरपोर्ट को नियमित उड़ान के लिए लाइसेंस मिल गया है.