Protests Against Donald Trump In US: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ एक बार फिर हजारों अमेरिकन का गुस्सा फूटा है। न्यूयॉर्क-वॉशिंगटन और शिकागो समेत सभी 50 राज्यों में सड़कों पर उतरकर हजारों अमेरिकन ने ट्रंप का विरोध (Opposition to Donald Trump) किया। प्रदर्शनकारी ट्रम्प की टैरिफ वॉर की नीतियों, सरकारी नौकरियों में छंटनी का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस का घेराव किया। लोगों ने ट्रम्प पर नागरिक और कानून के शासन को कुचलने का आरोप लगाया। इस आंदोलन को 50501 नाम दिया गया है, जिसका मतलब ‘50 विरोध प्रदर्शन, 50 राज्य, 1 आंदोलन’ है।

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प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के अलावा टेस्ला के शोरूमों का भी घेराव किया। ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शनों का यह दूसरा दौर है। इससे पहले 5 अप्रैल को ट्रम्प के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे।

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न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने शहर की मुख्य लाइब्रेरी के बाहर इकट्ठा होकर ‘No Kings in America’ (अमेरिका में कोई राजा नहीं) और ‘Resist Tyranny’ (तानाशाही का विरोध करो) जैसे नारों वाले पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शन किया। लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे- ‘No ICE, no fear, immigrants are welcome here’ (ना ICE, ना डर, प्रवासियों का यहां स्वागत है)। यह नारा अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी ICE यानी Immigration and Customs Enforcement के विरोध में था, जो अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेती है।

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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जैक्सनविल (फ्लोरिडा) से लेकर लॉस एंजिल्स तक पूरे देश में करीब 400 रैलियों की योजना बनाई गई थी। प्रदर्शनकारियों ने संघीय नौकरियों में कटौती, आर्थिक नीतियों और नागरिक स्वतंत्रताओं के उल्लंघन को लेकर चिंता जताई। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह कानून के शासन को कमजोर कर रहे हैं और आम नागरिकों के अधिकारों को दबा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने के बाद इस ग्रुप का यह चौथा बड़ा प्रदर्शन है। इससे पहले 17 फरवरी को ‘नौ किंग्स डे’ प्रोटेस्ट हुआ था. ये तब और अहम बन गया जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर खुद को किंग कह दिया था।

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ट्रम्प और मस्क की नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन

राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत सभी राज्यों में प्रदर्शन की बड़ी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कारोबारी इलॉन मस्क की आक्रामक नीतियां हैं। इलॉन मस्क का दक्षता विभाग लगातार सरकारी विभागों में छंटनी कर रहा है।

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अब तक हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रम्प की अप्रवासियों पर कार्रवाई और दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने की सख्त पॉलिसी भी इन प्रदर्शनों की एक बड़ी वजह है। ट्रम्प के टैरिफ वॉर से अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाली चीजों के दाम बढ़े हैं। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है।

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किन चीजों से परेशान हैं लोग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के कई वजहें सामने आईं हैं। उनकी टैरिफ नीतियों से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है, जिससे शेयर बाजार गिरा है और बेरोजगारी बढ़ी है। सरकारी नौकरियों में छंटनी, मानवाधिकारों पर सवाल और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी भी लोगों के गुस्से का कारण बनी हैं। कुछ लोग राष्ट्रपति ट्रंप और एलन मस्क की नीतियों को देश के लिए खतरे की तरह मानते हैं. व्हाइट हाउस प्रेस पूल से प्रमुख समाचार एजेंसियों को हटाना और आप्रवासन नीतियों में बदलाव ने भी विरोध को बढ़ाया है, जिससे समाज में असंतोष बढ़ रहा है।

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