रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर भाजपा नेता उज्जवल दीपक ने ज्ञापन सौंपा और कांग्रेस शासन में हुए PSC घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण मांगे रखीं. उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पूर्व की बेटी के PSC द्वारा सहायक प्राध्यापक पद पर चयन की जांच CBI से कराने की मांग भी की है. मुख्यमंत्री उन्हें भरोसा दिलाया कि वो छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे.
ये हैं भाजपा नेता की मांगें
- सन 2018 से लेकर 2023 तक आयोजित सभी परीक्षाओं एवं भर्तियों को CBI जांच के दायरे में लाया जाए.
- 2021 और 2022 की परीक्षा रद्द कर सभी नियुक्तियों को रद्द किया जाए.
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी के PSC द्वारा सहायक प्राध्यापक पद पर चयन की जांच CBI को सौंपी जाए.
बता दें कि सीजीपीएससी घोटाला मामले में सीबीआई ने CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और उनके भतीजे नीतेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल और उनके बेटे शशांक गोयल व बहू भूमिका कटियार, तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार किया है. सभी को कोर्ट में पेश कर 15 जनवरी तक ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया है.
बता दें कि टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नीतेश सोनवानी का डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर चयन हुआ है. वहीं साहिल सोनवानी का DSP के पोस्ट पर सलेक्शन हुआ है. इसके अलावा बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर चयन हुआ है.
ये है पूरा मामला
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.
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