Psoriatic Arthritis: सोरियाटिक अर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis) एक ऐसी बीमारी है जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ये न केवल जोड़ों में दर्द और सूजन लाती है, बल्कि स्किन (सोरायसिस) और नाखूनों पर भी असर डालती है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, यानी शरीर की इम्यून सिस्टम खुद की ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है. आज हम आपको सोरियाटिक अर्थराइटिस को ट्रिगर करने वाले कारण और खाने-पीने से जुड़े ट्रिगर के बारे में बतायेंगे.

सोरियाटिक अर्थराइटिस को ट्रिगर करने वाले मुख्य कारण

  • तनाव – हाई स्ट्रेस लेवल्स इम्यून सिस्टम को असंतुलित कर सकते हैं, जिससे flare-ups हो सकते हैं.
  • संक्रमण – गले का स्टैफ या स्ट्रेप इन्फेक्शन सोरायसिस और PsA दोनों को ट्रिगर कर सकता है.
  • चोट या स्किन की चोट – स्किन पर कट, जलना या अन्य ट्रॉमा सोरायसिस को बढ़ा सकते हैं.
  • हार्मोनल बदलाव – प्रेगनेंसी, मेनोपॉज या हार्मोनल असंतुलन PsA को प्रभावित कर सकते हैं.
  • परिवार में इतिहास – अगर परिवार में किसी को सोरायसिस या PsA है, तो जोखिम बढ़ जाता है.

खाने-पीने की चीजें जो ट्रिगर कर सकती हैं

कुछ फूड्स inflammation को बढ़ा सकते हैं, जिससे PsA के लक्षण बिगड़ सकते हैं. नीचे दी गई चीजों से सावधानी बरतनी चाहिए.

बचने योग्य चीजें

  • रेड मीट – सैचुरेटेड फैट्स और प्रोटीन की अधिकता inflammation बढ़ा सकती है.
  • डेयरी प्रोडक्ट्स – कुछ लोगों में दूध, चीज, दही जैसे उत्पाद PsA को flare कर सकते हैं.
  • प्रोसेस्ड फूड (जैसे पैकेज्ड स्नैक्स, फास्ट फूड) – इनमें ट्रांस फैट, शुगर और केमिकल्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं.
  • शक्कर और मिठाइयां – ज्यादा शक्कर सूजन को बढ़ावा देती है.
  • एल्कोहल – लीवर पर असर डालती है और इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाती है.
  • ग्लूटेन – ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों में PsA का असर बढ़ सकता है.

खाने योग्य चीजें जो राहत दे सकती हैं

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (जैसे मछली, अलसी, अखरोट) – सूजन को कम करते हैं.
  • फल और सब्जियां – एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, जो शरीर को डीटॉक्स करते हैं.
  • पूरे अनाज – फाइबर से भरपूर और प्रो-इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स को कम करते हैं.
  • हल्दी – करक्यूमिन नामक कंपाउंड सूजन को घटाता है.
  • ग्रीन टी – एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यून सिस्टम को बैलेंस करने वाला.

सुझाव

  • फूड डायरी रखें – कौन सा खाना आपको सूट करता है और कौन flare-ups लाता है, यह जानने में मदद मिलती है.
  • डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह लें – हर किसी का शरीर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है, इसलिए पर्सनल गाइडेंस जरूरी है.