खुद को दिल्ली के एक बड़े अस्पताल का मालिक और साइकोलॉजिस्ट बताकर महिला अधिकारी से शादी करने का मामला सामने आया है. परिजनों ने इस मामले में लव जिहाद की शिकायत पुलिस से की. लेकिन शादीशुदा महिला ने पुलिस को जो बयान दिया उसने पुलिस को भी चौंका दिया और पुलिस ने पूरे मामले में परिजनों की कोई भी मदद करने से इनकार कर दिया.

 पूरा मामला राजस्थान का है. एक 25 वर्षीय महिला सरकारी विभाग में अधिकारी पद पर पदस्थ है. कुछ वर्षों पहले उसने पहले अपने ही विभाग के सीनियर अधिकारी से शादी की थी. लेकिन कोरोनाकाल में लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक घर के अंदर रहने से महिला अधिकारी की मानसिक स्थिति बिगड़ गई. परिजन ने रिश्तेदारों के कहने पर झाड़ फूंक करने वालों से भी उसका इलाज करवाया. इसी के चलते कुछ माह पहले अलवर के एक मौलवी को भी जयपुर बुलाया था. मौलवी के साथ एक युवक आया था, युवक ने खुद को दिल्ली के हॉस्पिटल का मनोचिकित्सक बताया. पिता का आरोप है कि इलाज के नाम पर युवक महिला अधिकारी से मोबाइल पर बातचीत करने लगा और उसे प्रेम जाल में फंसा लिया.

  दोनों ने शादी कर ली, वे उसे रजिस्टर्ड करवाने सरकारी कार्यालय पहुंचे. शादी रजिस्टर्ड करने से पहले परिजन के नाम नोटिस जारी किए गए, तब उन्हें पूरी बात का पता चला. महिला के परिजन ने युवक की तस्दीक की तो उनके पांव तले से जमीन खिसक गई, चिकित्सक बताने वाला युवक दूसरे जिले में मोटर पार्ट्स की दुकान पर काम करता है. वहीं पुलिस ने जब महिला अधिकारी को बुलाया तो उसने पुलिस से कहा कि मैं बालिक हूं और मेरे निर्णय में दखल न दें. यह सुन पुलिस ने कार्रवाई से इनकार कर दिया.