रायपुर। केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार बसों में यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम लगाने जा रही है. इसे लेकर परिवहन, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रेस कॉंफ्रेंस कर कहा कि सभी सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा. जिससे किसी आपात स्थिति में पैनिक बटन को दबाकर सहायता के लिए संकेत दिया जा सके.

मंत्री अकबर ने बताया कि वाहनों में लगे जीपीएस को ट्रैक करने के लिए व्हीकल ट्रेकिंग प्लेटफार्म व कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की स्थापना की जाएगी. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 15.40 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया जा रहा है. जिसमें से 60% केन्द्र शासन और 40% राज्य शासन वहन करेगी. केन्द्र शासन ने इसके लिए “निर्भया फण्ड” से 4.19 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुका है. राज्य शासन ने भी 6.16 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान प्रस्तावित है. इमरजेंसी के दौरान पैनिक बटन के ज़रिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसे लागू किया गया है. 1 जनवरी 2019 से यह लागू है. फिटनेस चेकिंग के दौरान मोनिटरिंग होगी. भविष्य में डायल 112 सर्विस से भी जोड़ा जा सकता है. 

इस संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित ‘इम्पावर्ड कमेटी’ की बैठक आज इस परियोजना के लिए नीतिगत अनुमोदन प्राप्त किया गया है. परियोजना के क्रियान्वयन की कार्रवाई परिवहन विभाग के द्वारा ‘चिप्स’ के माध्यम से की जा रही है. पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम 13 हजार बस और 5 हजार टैक्सी में लगाया जाएगा.